देवी गीत परमेश्वरी सर्वेश्वरी जग्दिश्वरि माँ नारायणी माहेश्वरी माँ भवमोचनी जया भवानी माँ भावनी कण कण में तुम हो तृण तृण में तुम सृष्टि तुम्हीं हो सृष्टि में तुम नीले गगन से अहिलोक तक तेरी ही लीला माँ भावनी निधियों की दात्री सम्पूर्ना कला समाग्री शुभ सर्जना स्वर शोभना हो सुरसुंदरी तू ही अगम्या माँ
देवी वंदना सर्वेश्वरी जग्दीश्वरी तेरी शरण अज आये हैं मन शांत सरल किया है माँ कुविचार भी तज आये हैं आँखे विव्हल भक्ति प्रबल मेरा रोम रोम प्रसन्न है नयनाभिराम है छवि तेरी लख पाये जो हम धन्य हैं श्रीफल सुपारी लौंग चंदन पुष्प केशर लाये हैं शुभ दीप ज्योति है उज्जवला हम आरती को
ये आँखें ख्वाबगाह बन गईं तुम्हारे तसब्बुर में सोते सोते सारा असबाब तरबतर हो गया है तेरे ख्याल में रोते रोते हम पर तुम्हारी मुहब्बत का नशा इस तरहा तारी है कि हम कमजोर दिल के होते तो दुनिया से चल दिए होते फर्क है बात मे सच भी है झूठ है सुर्ख सूरज हुआ
शुभकामना संदेश – पढ़िये अपने अपने किसी प्रिय के जन्मदिन पर बधाई कविता या शादी की बर्षगाँठ के उपलक्ष्य में शुभकामना संदेश की कविताएं। जन्मदिवस कविता एवम शादी की बर्षगाँठ पर कविता पसंद आये तो प्रतिक्रिया अवश्य दीजियेगा। जन्मदिन पर शुभकामना कविता जब तक चाँद चमकता होगा, नीलगगन की बाँहों में तब तक फूल सितारे होंगे, आपके साथ
दुआयें तुम को ढूँडेंगी अगर इंसाफ तुम कर दो मै कह दूँगा जो दिल में है अगरचे माफ तुम कर दो समंदर को सुधा करके तुम्हें सौगात में दूँ जो चाहत में तुम्हारा हाथ मेरे हाथ पर रख दो कभी मेला कभी महफिल कभी संसार कर लेना अगर तन्हाई ज्यादा हो तो चिठ्ठी तार
दुनिया के इस नील गगन में, सूरज हिंदुस्तान बने काम करो कुछ ऐसा यारो, दुनिया हमें सलाम करे। रही चुनौती की बातें तो, वो आतीं हैं आयेंगीं धूप खिलेगी दिन निकलेगा, परछाई भी छायेंगीं हमने पहले ही प्रयास में, मंगल यान उड़ाया है घर की परमाणु पनडुब्बी, का डंका बजवाया है। तकनीकी स्टार्टअप वाले,
‘मन की बात’ सत्य हो जाये, ऐसा इक परिवेश बने नेता जब नंबर वन अपना, देश भी नंबर एक बने यही है मौका आंगे आओ, मिल जुल ऐसा काम करो विश्व गुरु कहलाने वाला, फिर से भारत देश बने चाहे जितना भी तप कर लो, शिव संभू क्या कर लेंगे किया धरा सब अपनों का
आओ क्रिसमस ईव मनायें सौगातों का पेड़ सज़ाएं हिल मिल के सब बांटे खुशियाँ आशाओं के दीप जलायें अमर ज्योति की अलख जगाकर मुस्कानों की कसमें खाकर परमेश्वर की राह बतायें आओ क्रिसमस ईव मनायें प्रेम-प्यार और नेह जताकर अमृत की बदली बरसाकर रितु बसंती फिर से लायें आओ क्रिसमस ईव मनायें हिंसा बहुत बुरी
आतिश थी बेपनाह शमां ने फ़ना किया परवाने जल गए हैं इबादत किये वगैर सुलगी थी रूह अब्र में उड़ता रहा धुआँ दीवाने जल गये हैं मुहब्बत किये वगैर बे-होश रहीं आँखें घटा झूम के गिरी आंसू हथेलियों पै गिरे नीर के वगैर बांधे थे साथ हमने जहाँ मन्नतों के तार चुपचाप तोड़ आया शिकायत
बेईमानों ने तुरही फूकीं, मिल करके हुड़ दंग करो ज़हर फ़िज़ाओं में घुलवा दो, आओ भारत बंद करो गीदड़ चंद इकठ्ठे होकर, हुआ हुआ चिल्लाते हैं शेर बड़ा भारी है इसका, हुक्का पानी बंद करो। जनता खूब समझती है ये, किस प्रकार की बेचैनी नोटों की माला टूटी है, पीर घाव की है पैनी हाथी