Category: ईश वंदना-ईश आराधना

संयम स्वर्ण महोत्सव – आचार्य श्री विद्यासागर के 50वें संयम स्वर्ण महोत्सव पर कविता

संयम स्वर्ण महोत्सव – महामनीषी, महाकवि, संत शिरोमणि, अहिंसा के दिव्य दूत जैनाचार्य गुरुवर आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनिराज के बारे में जितना पढ़ा जाये, जाना जाये कम ही है। अखंड ब्रम्हचर्य और दुष्कर दिगम्बरत्व पंथ के श्रेष्ठ पद पर निर्दोष चर्या के अनुपालन के 50 बर्ष क्या पूर्ण हुये। सारी दुनियाँ में उनकी जय जयकार

भगवान बुद्ध पर कविता – बुद्ध पूर्णिमा पर एक ऐसी कविता जो बतायेगी कि बुद्ध कैसे बन सकते हैं।

भगवान बुद्ध पर कविता – बौद्ध धर्म के सभी पाठकों का स्नेहिल अभिवादन। दोस्तो, कल यानि 29 April को बुद्ध पूर्णिमा है। निश्चित रूप से बौद्ध धर्म के मतावलंबियों के लिए कल का दिन बहुत बड़ा दिन है। भगवान गौतम बुद्ध के भक्त सारे संसार मे फैले हुये हैं और बुद्ध पूर्णिमा का आयोजन समस्त

बरसाने के दोहे। Barsaane ke dohe, राधा कृष्ण के विरह पर शायरी, राधा कृष्ण के विरह पर दोहे, कृष्ण वियोग पर कविता

बरसाने के दोहे। – आप सबने श्रीराधा कृष्ण के ऊपर कवितायें तो बहुत पढ़ीं होंगीं। लेकिन यह कविता बरसाने के दोहे। उनके द्वारा बरसाने में रचीं गईं अलौकिक लीलाओं में से एक श्रीराधे का श्रीकृष्ण से विछोह है। इस विछोह और इसकी विरह वेदना का असर बरसाने के गोप गोपीयों, वहाँ के निवासियों तक ही

श्री महावीर भगवान का मंगला चरन । Shri Mahaveer bhagwaan ka mangla charan

श्री महावीर भगवान का मंगला चरण – जिओ और जीने दो का अनुपम संदेश देने वाले भगवान महावीर स्वामी के अहिंसा परमोधर्मः एवम अपरिग्रहवाद के उपदेश स्वकल्याण के पथिकों के लिये अमोघ शक्ति की तरह हैं। आज के इस आर्टिकल श्री महावीर भगवान का मंगला चरन के द्वारा अपने परम ईश, देवाधिदेव 1008 श्री महावीर स्वामी

धार्मिक शायरी – भक्ति शायरी, भगवान शायरी, ईश्वर शायरी, खाटू वाले श्याम पर शायरी, Devotional shayari

धार्मिक शायरी – उड़ती बात के कई सारे पाठकों की माँग थी कि मैं धार्मिक शायरी  ( Dharmik shayari ) पर एक आर्टीकल लिखूँ। एक एंकर के तौर पर आपको हर तरह के कार्यक्रम का मंच संचालन करना पड़ सकता है जिनमें धार्मिक कार्यक्रम भी हो सकता है। इस आर्टिकल में मैंने धार्मिक कार्यक्रम के

कविवर भूधरदास जी कृत बारह भावना। Kavivar Bhudhar das ji krit barah bhawana

                    बारह भावना राजा राणा छत्रपति, हाथिन के असवार । मरना सब को एक दिन, अपनी-अपनी बार ॥ दल बल देवी देवता, मात-पिता परिवार । मरती बिरिया जीव को, कोऊ न राखन हार ॥ दाम बिना निर्धन दुखी, तृष्णा वश धनवान । कबहूँ न सुख संसार

संत जैन आचार्य 108 श्री विद्यासागर महाराज जी पर कविता। sant Jain Acharya 108 Shri Vidyasagar Maharaj ji par poem

 चित्र साभार-vidyasagar.net   -आचार्य श्री के चरणों में 4 पंक्तियाँ- कैसे कह दूँ क्यों बहती हैं, मैं क्या जानूं क्या कहती हैं होकर बे-होश बहक जातीं, भीगी-भीगी सी रहती हैं भगवान अगर यूँ मिल जायें, कोई कैसे ना बेसुध हो गुरुवर को देख छलक जातीं, अखिंयां मेरी रो पड़ती हैं।   -आचार्य श्री विद्यासागर जी

श्री गणेश वंदना । Shri Ganesha vandana । मंगलाचरण । श्री गणपति वंदना । गणपति स्तुति

श्री गणेश वंदना – प्रथम पूज्य मंगल मूर्ति विघ्नहर्ता श्री गणेशजी की वंदना या श्री गणेशजी की स्तुति करना भारत देश की सांस्कृतिक परंपरा रही है। किसी भी प्रकार का आयोजन हो विघ्नहरण गणपति जी की वंदना करके ही कार्यक्रम के आरंभ को शुभारंभ बनाया जाता है। उड़ती बात पर मंच संचालन से संबंधित सभी

भगवान बाहुबली पर कविता। Bhagwaan bahubali Hindi Poem

भगवान बाहुबली पर कविता – विश्व की सबसे प्राचीन, सबसे बड़ी, सबसे उत्तंग खड्गासन मूर्ति भगवान बाहुबली की प्रतिमा जो कर्नाटक के बेल्लारी जिले मे गोमटेश्वर में स्थित है, अपने आप में एक आश्चर्य से कम नहीं है। भारत देश की शान इस जीवंत प्रतिमा के ऊपर प्रस्तुत यह आर्टीकल भगवान बाहुबली पर कविता उनके

देवी गीत । Devi Geet

देवी गीत  जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तु ते  मैया मेरी मैया मेरी, कृपा करो कृपा करो कब से पड़ी अर्जी मेरी, कृपा करो कृपा करो नतेभ्यः सर्वदा भक्त्या, चण्डिके दुरितापहे रूपं देहि जयं देहि, यशो देहि द्विषो जहि दुख हरण करने वाली हो, तुमको बारम्बार नमन सर्वेस्वरी कृपा