क्रिसमस पर कविता । Christmas’s Hindi Poem । poem on Cristmas ।

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आओ क्रिसमस ईव मनायें
सौगातों का पेड़ सज़ाएं

हिल मिल के सब बांटे खुशियाँ
आशाओं के दीप जलायें

अमर ज्योति की अलख जगाकर
मुस्कानों की कसमें खाकर
परमेश्वर की राह बतायें
आओ क्रिसमस ईव मनायें

प्रेम-प्यार और नेह जताकर
अमृत की बदली बरसाकर
रितु बसंती फिर से लायें
आओ क्रिसमस ईव मनायें

हिंसा बहुत बुरी है बच्चे
झूठ ना कहना बनना सच्चे
ईश्वर के संदेश सुनायें
आओ क्रिसमस ईव मनायें

माँ मरियम से करुणा लेकर
वर्जिन माँ की अरुणा लेकर
सृजन स्वर्ग के बीज उगायें
आओ क्रिसमस ईव मनायें

येशु हैं रंगरेज नूर के
परम स्रोत रूही सुरूर के
देवदूत की शरण में जायें
आओ क्रिसमस ईव मनायें

रंग बिरंगे गुव्वारों से
अमृत वाले फव्वारों से
इस धरती पर स्वर्ग बनायें
आओ क्रिसमस ईव मनायें

मिश्री जैसी श्रुतियां गाकर
मधुर मिठाई मिल जुल खाकर
जिंगल जिंगल गीत सुनायें
आओ क्रिसमस ईव मनायें

नवल सजीले परिधानों में
मनुहारों में उपहारों में
बिछुड़े रूठे मीत मनायें
आओ क्रिसमस ईव मनायें

सेन्ट क्लॉज की सौगातों में
बच्चों की मौलिक बातों में
चुटकी भर उत्साह मिलायें
आओ क्रिसमस ईव मनायें
आओ क्रिसमस ईव मनायें

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