दो बेहद शानदार ग़ज़लों की प्रस्तुति। मोहब्बत से भरी दो प्यारी ग़ज़लें। Two very sweet Ghazals

मोहब्बत से भरी दो प्यारी ग़ज़लें – कहते हैं ज़िंदगी का सबसे मुश्किल लम्हा वो होता है जब हमें किसी के सामने अपने इश्क़ का इज़हार करना हो। ज्यादातर प्यार करने वाले यहीं अटक जाते हैं। किसी की मोहब्बत में जीवन भर ठंडी-ठंडी साँसे, दर्द भरीं आहें भरने से अच्छा होता है अपने प्यार का

रोमांटिक गीत ‘तू कहे तो’। Romantik Geet ‘Tu kahe to’

  तू कहे तो गुल बनूँ मैं पंखुड़ी सा बिखर जाऊं तू कहे तो खुश्बुओं सा हवाओं में उतर जाऊं  आसमां का एक टुकड़ा बनके तेरा नूर ले लूँ तू कहे तो चाँद बनकर गेसुओं मेँ नज़र आऊं   अवश्य पढ़ें: ग़ज़ल ‘बेशरम’ अवश्य पढ़ें: Love song   तू नज़रबंदी लगा ले धड़कनों के जमघटों पर चाँद

कविता ‘किसको है ये ख़बर। Poem ‘Kisko hai ye khabar’

चलते चलते ये सांसे मचल जायेंगी जिंदगी हाथ से कब फिसल जायेगी किसको है ये पता किसको है ये ख़बर आज आई नहीँ मौत कल आयेगी देखते देखते जां निकल जायेगी किसको है ये पता किसको है ये ख़बर ख्वाहिशों की हवस थोड़ी कम हो सके दूसरों के लिये आँख नम हो सके बन मुहाफिज

कविता ‘नव यौवना’ । Kavita ‘Naw yovna’

    मावठे की ठिठुरन में  ताज़ा ताज़ा जवां हुई  एक नव यौवना  ओस की बूँद उमंग में लहकती  बहकती ठिठकती  लुढ़कती संभलती  अपनी आश्रय दाता  जूही की एक पत्ती से लड़याती इठलाती इतराती बतियाती पूछती है- तुम्हें चिड़चिड़ाहट नहीं होती  ऐसा स्थिर जीवन बिताने में  कोई घबराहट नहीं होती  क्या तुम्हें नहीं भाते  झरनों

रोमांटिक कविता ‘प्रेम दुहाई’। Romantik Kavita ‘Prem Duhai’।

इसको महज़ चुहल ना समझो यह नेहा की पाती तुमसे लगन अगन बन गइ है दिन रैना तड़पाती अंक तुम्हारे जिऊँ मरू मैं स्वांस तेरी बन जाऊं मेरी आरजू पूरी कर दो तड़पत ना मर जाऊं सह ना सकूँ बिरह की पीड़ा हुमक रुलाई आवे किससे कहूँ दर्द मैं दिल कौन समझ में आवे पर्वत

ग़ज़ल ‘क्या कमी है’। Gazal ‘kya kami hai’

ग़ज़ल आसमां है ना जमीं है पूछते हो क्या कमी है रात भर रोया है कोई धूप कम ज्यादा नमी है फूल तितली खुश्बुयें हैं सब तो है बस तू नहीं है नूर बूँदों में बरसता तू जहाँ ज़न्नत वहीँ है कैसे उसके ऐब देखूं खूबियां ज्यादा कहीं है लौट आ मुझे माफ़ कर दे

रोमांटिक शायरी ‘रानी नहीं मिलती’। Romantik Shayri ‘Rani nahi milti’

तेरे अलावा मेरा कौन कहाँ जायेंगे  दिमाग से चलेंगे दिल से लौट आयेंगे  मुहब्बतों की कसम है तुम्हें हबीब मेरे  जो रूठ जाऊँ मना लेना मान जायेंगे तुम उगा तो लिये सूरज वो दिन बनेंगे नहीँ  खुदा से नूर मंगा लो ये गुल खिलेंगे नहीँ  तसल्लीयों से हवा में उड़ान भरते रहो  अब अगर ढूँढ़ने

काले धन पर बैन पर कविता। नोट बंदी पर कविता। मोदी जी का 09/11 पर कविता। poem black money banned in India

नोट बंद क्या हुए देश में राम राज्य सा आया जी मज़ा आ रहा, मज़ा आ रहा, मज़ा आ रहा भैया जी। हैं अवाक से देश के दुश्मन उग्रवाद के ठेकेदार सौ सुनार की एक लुहारी खूब करारी है ये मार कालेधन की शह पाकर के आतंकी गुर्राते थे नकली नोट छापने वाले हमको आँख

बेटी पर कविता । Poem on daughters । बेटियों पर प्यारी हिंदी कविता

सदियां बीत गई युग बदले फिर भी समझ ना पाये बेटीं हैं बेटों से बढ़कर बेटी भाग्य जगाये।। बेटी होती सोन चिरैया जिस घर उड़कर आये वह घर जन्नत बन जाता है उस घर ज़ीनत आये कैसी है ये रीति जगत की किसने सोच बनाई बेटे से ही वंश चलेगा बेटी होती पराई बेटी नवल

स्वच्छ भारत अभियान पर एक बहुत ही शानदार कविता । Swachh Bharat Abhiyan poem

स्वच्छ भारत अभियान पर कविता – मित्रों, आज से लगभग 4 बर्ष पहले यानि कि 2 अक्टूबर 2014 को राष्टपिता महात्मा गाँधी जी की 146वीं जयंती के अवसर पर हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की थी। इस अभियान ने एक जनांदोलन का रूप लिया और पूरे देश