Category: सामाजिक कवितायें

मन की बात पर कविता । Poem on Man ki baat ।

‘मन की बात’ सत्य हो जाये, ऐसा इक परिवेश बने नेता जब नंबर वन अपना, देश भी नंबर एक बने यही है मौका आंगे आओ, मिल जुल ऐसा काम करो विश्व गुरु कहलाने वाला, फिर से भारत देश बने चाहे जितना भी तप कर लो, शिव संभू क्या कर लेंगे किया धरा सब अपनों का

क्रिसमस पर कविता । Christmas’s Hindi Poem । poem on Cristmas ।

आओ क्रिसमस ईव मनायें सौगातों का पेड़ सज़ाएं हिल मिल के सब बांटे खुशियाँ आशाओं के दीप जलायें अमर ज्योति की अलख जगाकर मुस्कानों की कसमें खाकर परमेश्वर की राह बतायें आओ क्रिसमस ईव मनायें प्रेम-प्यार और नेह जताकर अमृत की बदली बरसाकर रितु बसंती फिर से लायें आओ क्रिसमस ईव मनायें हिंसा बहुत बुरी

नोट बंदी के विरुद्ध भारत बंद पर कविता। Not bandi ke viruddh Bharat band par Kavita

 बेईमानों ने तुरही फूकीं, मिल करके हुड़ दंग करो ज़हर फ़िज़ाओं में घुलवा दो, आओ भारत बंद करो गीदड़ चंद इकठ्ठे होकर, हुआ हुआ चिल्लाते हैं शेर बड़ा भारी है इसका, हुक्का पानी बंद करो। जनता खूब समझती है ये, किस प्रकार की बेचैनी नोटों की माला टूटी है, पीर घाव की है पैनी हाथी

कविता ‘किसको है ये ख़बर। Poem ‘Kisko hai ye khabar’

चलते चलते ये सांसे मचल जायेंगी जिंदगी हाथ से कब फिसल जायेगी किसको है ये पता किसको है ये ख़बर आज आई नहीँ मौत कल आयेगी देखते देखते जां निकल जायेगी किसको है ये पता किसको है ये ख़बर ख्वाहिशों की हवस थोड़ी कम हो सके दूसरों के लिये आँख नम हो सके बन मुहाफिज

काले धन पर बैन पर कविता। नोट बंदी पर कविता। मोदी जी का 09/11 पर कविता। poem black money banned in India

नोट बंद क्या हुए देश में राम राज्य सा आया जी मज़ा आ रहा, मज़ा आ रहा, मज़ा आ रहा भैया जी। हैं अवाक से देश के दुश्मन उग्रवाद के ठेकेदार सौ सुनार की एक लुहारी खूब करारी है ये मार कालेधन की शह पाकर के आतंकी गुर्राते थे नकली नोट छापने वाले हमको आँख

बेटी पर कविता । Poem on daughters । बेटियों पर प्यारी हिंदी कविता

सदियां बीत गई युग बदले फिर भी समझ ना पाये बेटीं हैं बेटों से बढ़कर बेटी भाग्य जगाये।। बेटी होती सोन चिरैया जिस घर उड़कर आये वह घर जन्नत बन जाता है उस घर ज़ीनत आये कैसी है ये रीति जगत की किसने सोच बनाई बेटे से ही वंश चलेगा बेटी होती पराई बेटी नवल

स्वच्छ भारत अभियान पर एक बहुत ही शानदार कविता । Swachh Bharat Abhiyan poem

स्वच्छ भारत अभियान पर कविता – मित्रों, आज से लगभग 4 बर्ष पहले यानि कि 2 अक्टूबर 2014 को राष्टपिता महात्मा गाँधी जी की 146वीं जयंती के अवसर पर हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की थी। इस अभियान ने एक जनांदोलन का रूप लिया और पूरे देश

कालाधन पर मोदी जी का 09/11 कविता । Black money banned in india poem

  इक झटके में ठन ठन बाबा, हमको आज बना डाला बहुत हो उत्पाती मोदी जी, हाय राम क्या कर डाला। रह रह कांप रहा है सीना, प्राण हलक में आता है छप्पन इंची छाती लेकर, ऐसे कोई डराता है। ये कैसी है साफ़ सफाई, कैसा स्वच्छता का अभियान गुड़ को गोबर बना दिया है,

बाल दिवस पर कविता-बाल दिवस पर एक शानदार कविता Children’s Day Poem

बाल दिवस पर कविता – उड़ती बात के सभी पाठकों को स्नेहिल अभिवादन। दोस्तों कहते हैं कि बच्चे भगवान का रूप होते हैं। और यह भी कहा जाता है कि बच्चे ही किसी भी देश का स्वर्णिम भविष्य होते हैं। हमारे देश में प्रतिबर्ष 14 नवम्बर को बाल दिवस जिसे आजकल की आम भाषा में

जंक फूड पर एक सुन्दर कविता। Junk food par Kavita । जंक फूड पर कविता हिंदी में

जंक फूड दुश्मन है बच्चो, सेहत नहीं ख़राब करो  गड़बड़ झाला झट पट भोजन, बचपन ना बर्बाद करो। कितने सारे स्वाद भरे, व्यंजन बनते हैं भारत में  पुआ परांठे पूरण पूरी, पपड़ी हर घर आँगन में। चटक चटपटे सेव सिमेंय्या, रसगुल्ले मन ललचायें गुपचुप छुप छुप खूब उड़ायें, दूध जलेबी भी खायें। फ़ूड अटपटा बजन