श्री गणेश वंदना – प्रथम पूज्य मंगल मूर्ति विघ्नहर्ता श्री गणेशजी की वंदना या श्री गणेशजी की स्तुति करना भारत देश की सांस्कृतिक परंपरा रही है। किसी भी प्रकार का आयोजन हो विघ्नहरण गणपति जी की वंदना करके ही कार्यक्रम के आरंभ को शुभारंभ बनाया जाता है। उड़ती बात पर मंच संचालन से संबंधित सभी
भगवान बाहुबली पर कविता – विश्व की सबसे प्राचीन, सबसे बड़ी, सबसे उत्तंग खड्गासन मूर्ति भगवान बाहुबली की प्रतिमा जो कर्नाटक के बेल्लारी जिले मे गोमटेश्वर में स्थित है, अपने आप में एक आश्चर्य से कम नहीं है। भारत देश की शान इस जीवंत प्रतिमा के ऊपर प्रस्तुत यह आर्टीकल भगवान बाहुबली पर कविता उनके
आज मैं गाऊँ एक कहानी सच्ची तुम्हें सुनाऊं थी राजकुमारी एक पिता मिथलेश शील और त्याग की गाथा गाऊँ सीता था उसका नाम गुणों की खान, थी सुन्दर उसकी काया थी रूप की चर्चा दूर बुद्धि भरपूर, थी धरती माता उसकी जाया ये भी पढ़ें: गंगा नदी पर कविता
कैसे पावन गँगा का इस धरती पर अवतरण हुआ कैसे थे वो भागीरथ परमार्थ का ऊँचा गगन छुआ इक्ष्वाकु कुल के वंशज श्री राम के विरले पूर्वज थे परम प्रतापी सगर नाम के राजा एक अपूरब थे दिकशासन की इच्छा थी मैं चक्रवर्ती सम्राट बनूं क्यों ना अश्वमेघ करवाऊं कुल शासन जयवन्त करूं हुआ
वह कदम्ब का पण स्पंदन, सावन सी छाया वह पुष्पों के कुंज निकुँजों, की मनभावन माया। वह जमुना का अमृत सा जल, लहर लहर बंतियाँ वह बौराई अनुपम सुन्दर, गोकुल की सखियां। ◆ये भी पढ़ें-बरसाने के अद्भुत दोहे भले नहीँ वो युग आये पर, आप चले आओ हो सम्भव तो पुनः धरा पर, कृष्ण