रोमांस की शायरी । दिल की शायरी । इश्क प्यार मोहब्बत की शायरी । Love shayari
जो पूरे होते हैं,
वही अधूरे होते हैं।
सुनो, तुम सुरमें का
टीका भी लगाया करो।
हुस्न वालों को ख़ुद की
नज़र भी लग जाया करती है।।
ये जो तुम जरा-जरा सी बात
पर सोचने लग जाते हो
हैरत है कि तुमने मोहब्बत
करने की हिम्मत कैसे कर ली।
तुम अपने काम से काम
क्यों नही रखते हो
किसी को जी भर कर देखना
गुनाह तो नही होता।
वज़ह तो हो जान देने की,
मैं तो हदों से गुजर जाऊंगा
प्यार कर ले और छोड़ दे मुझे,
मैं तो ऐसे ही मर जाऊंगा।
मेरा इम्तिहाँ मत लो
मैं कुछ भी कर सकता हूँ
मैं तेरे लिये मार भी सकता हूँ,
मैं तेरे लिये मर भी सकता हूँ।
तुम तुम्हारी ज़िद पर अड़े रहो
हम हमारी फरमाइशों पर।
मेरे लिये तो ये जान का मसला है
तुम मेरी छोड़ो बस अपनी बताओ।
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थोड़े हवा में पैर तो ज़ुरूर हो गये
न जाने कब ये हौसले ग़ुरूर हो गये।
मुझको मुआफ़ हो सके तो दोस्तो करो
अपना उसे बनाया तो मगरूर हो गये।।
क्या क्या तेरे सवाल हैं, पहचानता हूँ मैं
सहना बड़ा मुहाल है, ये जानता हूँ मैं।
दुश्वारियां मेरी तेरी, चाहत से बड़ी हैं
शायद तेरे लायक नही हूँ, मानता हूँ मैं।।
ये जो तेरे रुख़सार पर छोटा सा तिल है
बस वहीं पर ही तो अटका मेरा दिल है।
तुम सुनती ही क्यों हो मेरी बात
तुम अपने दायरे अपनी सहूलियत देखो।
इक दिन वो अचानक मेरे नज़दीक आ गये
क्या क्या हसीन फ़लसफ़े हमको सुना गये
अब क्या हुआ है कैसे ज़माने को हम कहें
हम सबको बनाते हैं वो हमको बना गये।।
मैं तेरी आँख से मोती सा छलक जाऊंगा
तू जो हाँ कह दे विंदिया में चमक जाऊंगा
मैं तेरे इश्क़ में पागल हूँ मेरी जान न ले
तू जो मिल जायेगी तो मैं यूँ ही मर जाऊँगा
बात सही है तुम ठीक ही कह रहे हो
मुझे तमीज़ ही नही हुस्न से पेश आने की।
नादान हैं वो जो कहते हैं कभी आजमायेंगे
हम अपनी पर आ गये तो बहुत पछतायेंगे।
औकात में रहो, नही तो पंजाब हिला दूंगा
आसमां हो गये हो न, मिट्टी में मिला दूँगा।
रूठकर बैठा है वो ही चाँद, मुझसे क्या करूँ
रौशनी के वास्ते ये नाम जिसके शहर किया।
तुम्हारे होंठ की शबनम, मुझे मजबूर करती है
ये दिल बेताब होता है, धड़कनें शोर करती है।
किसी दिन चूम लूंगा मैं, तुम्हारी सुर्ख लाली को
नशे में हूँ नशेमन को, नशे से चूर करती है।
नये तराने नये फसाने नई धुनों को कहना तुम
हमें अगर कुछ हो जाये तो खूब मज़े से रहना तुम
हम चकोर बनके तरसे तुम दूर खड़े हो गाफिल से
तुम्हें मुबारक सात आसमाँ दूर दूर ही रहना तुम।
हैरान हूँ कि दर्दे दिल, तुमसे सहा कैसे जाता है
जान निकल जाये तो, किसी से रहा कैसे जाता है।
इश्क इबादतों में जीना, फिर घुट घुट के ज़हर पीना
अब तुम मुझे भूल जाओ, तुमसे कहा कैसे जाता है।
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