देशभक्ति की शायरी इन हिंदी – Desh bhakti ki Shayari, तिरंगे पर शायरी

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देशभक्ति की शायरी इन हिंदीउड़ती बात के सभी चाहने वालों को जय हिंद। इस पोस्ट  देशभक्ति की शायरी इन हिंदी में आपके सामने प्रस्तुत है देशप्रेम शायरी का शानदार संग्रह। 

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देशभक्ति की शायरी इन हिंदी

इक दीप जलाकर कर श्रद्धा का
भीगी भीगी सी अंखियाँ कुछ
कुछ विनत भाव कुछ ह्रदय चाव
आज़ाद पार्क क़ुछ जलियाँ कुछ
बिस्मिल का दिल मन भगतसिँह
रग-रग में राजगुरु हों कुछ
आओ कर लें उस जज़्बे को
अर्पित फूलों की कलियाँ कुछ।

इक चमक ताब इक मदहोशी, हर आलम चंगा होता है
इक हूक हुमकती आँखों में, हर कतरा गंगा होता है
दिल में मतवाली मौज पले, मन सात आसमाँ छूता है।
जब जब अपने इन हाथों में, लहराता तिरंगा होता है।

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तूफान हथेली पलते थे, नस-नस में इरादे फौलादी
तुम खून मुझे दो मैं दूंगा, तुम सबको मौलिक आज़ादी
नारे बन जाते अंगारे, लपटों में झुलसे ब्रिटिश सभी
यह नमन तुम्हें है महामहिम, स्वीकार करो हे नेताजी।

यह उहापोह यह सिरदर्दी, सब आपाधापी छोड़ो तुम
बासंती रंग में रंग जाओ, उलझन के फंदे तोड़ो तुम
यशगान हिमालय करता है, जिन वीरों की कुर्बानी का
उन मतवालों को याद करो, रंग आज तिरंगा ओढ़ो तुम।

 

 

इस देश की खातिर लड़ जाओ, वर्ना क्या रक्खा जीने में
हँसते हँसते सब लुटा दिया, इस देश पे अमर शहीदों ने
सर कफ़न बाँध कर चलते थे, मदमस्त रहे संगीनों में
भारत माता के लालों ने, गोली खाई थी सीने में।

दृढ़ता हो लौह पुरुष जैसी, कुछ भगत सिंह सी मस्ती हो
नेताजी जैसा ओज मिले, आज़ाद के जैसी हस्ती हो
उधम का उधम दिल बिस्मिल, मंगल पांडे का ताव मिले
हे ईश्वर जन्म दुबारा दो तो, भारत माँ की छांव मिले।

कुछ कृष्ण बने कुछ बलदाऊ कुछ अर्जुन परशुराम हुये
अल्फ्रेड पार्क आज़ाद अड़े या स्वयँ वहाँ श्री राम लड़े
यह वतन परस्ती सज़दा थी शामिल इसमें भगवान हुऐ
झाँसी जैसे कितने तीरथ और जलियाँवाले धाम हुये।

यह तन तेरा दिल मन तेरा, ऐ वतन कहो तो मैं मर जाऊं
जब रुत आये मर मिटने की, तो कफ़न तिरंगा कर जाऊं।

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