शिक्षक दिवस एंकरिंग स्क्रिप्ट । Teachers day Anchoring script in hindi । शिक्षक दिवस पर मंच संचालन स्क्रिप्ट हिंदी में। शिक्षक दिवस पर एंकरिंग कैसे करें

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आज की इस मधुर बेला में, मैं आप सबका पंक्तिमय अभिवादन करके आज के कार्यक्रम को आरम्भ करना चाहती हूँ कि-

चांदनी चांद से मिलती है, तो रौशन ज़माल करती है
खुशी से खुशी मिले, तो ख़्वाहिश कमाल करती है
ये विद्वता के नूर की, रौनके महफ़िल है मेरे मित्रों
ये महफ़िल सभी सितारों का, इस्तक़बाल करती है।

आज के कार्यक्रम के chief guest, जाने माने समाज सेवी, हमारे प्रेरणास्रोत, इस ख्यातिनाम college के डायरेक्टर श्री पी सी जैन सर, आज के कार्यक्रम के अध्यक्ष हमारे आदर्श पूज्य प्राचार्य महोदय डॉ. आर एस राजपूत जी, विशिष्ट अतिथि बास्केटबॉल संघ के प्रांतीय अध्यक्ष श्री सुरेन्द्र दिवेदी जी एवम प्रथम पंक्ति में विराजित सभी गुरुजनों को कोटि कोटि नमन करती हूँ।

सभा मे उपस्थित सभी सुधिजनों, पत्रकारों-मीडिया प्रतिनिधियों को एवम मेरे सभी सहपाठियों को यथायोग्य अभिवादन करती हूँ। आप सब अपने लिये एकबार ज़ोरदार तालियाँ बजा दीजिये। बहुत बहुत धन्यवाद।

मित्रों, आज के इस खुशनुमा माहौल के बारे में क्या कहूँ। आज सुबह से ही बादल गगन पर छा गए हैं। बारिश का मौसम है। इस मौसम पर चार पंक्तियाँ याद आ रहीं हैं कि-

यह सुबह यह आलम यह फ़िज़ा मुस्कराती है
बून्दें हवा में ही ठहरी हैं जाने क्या गुनगुनाती हैं
एक श्यामल टुकड़ा बादल भी बिछा के चला गया
सच्चे गुरूओं को तो क़ायनात भी सर झुकाती है।

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मित्रों, आज की यह सुबह कोई साधारण सुबह नही है। आज का वातावरण कोई routine वातावरण नहीं है। आज का यह कार्यक्रम कोई ordinary कार्यक्रम नही है। आज का दिन बहुत ही ख़ास दिन है।

हमारे जीवन का निर्माण करने वाले, हमारी बौद्धिकता में प्राण भरने वाले, हमारे जीवन पथ का उन्मान करने वाले हमारे गुरुजनों को कृतज्ञता प्रेषित करने का दिन है। उनकी उदारता को नमन करने का दिन है। उनके चरण वंदन करने का दिन है।

जी हाँ Dear friends, जैसा कि आप सब जानते हैं कि आज 5 सितम्बर है। और हम विद्यार्थी इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं। आज हम सब students आज के इस दिन को हर्ष से, आंनद से मनायेंगे। मैं……………. आपके ही कॉलेज की छात्रा, आपकी सहपाठी, अपने गुरुजनों की कृपा की अभिलाषी, इस teachers day के आयोजन पर आप सबका हार्दिक हार्दिक स्वागत करती हूँ-अभिनंदन करती हूँ।

 

क्रम 1- अतिथियों को मंचासीन कराना

मित्रो, पहला क्रम हमारे आज के अतिथियों को मंचासीन कराने का है।
आज के हमारे विशिष्ट अतिथि बास्केट बॉल संघ के प्रांतीय अध्यक्ष माननीय श्री सुरेन्द्र द्विवेदी जी हैं। हमारा कॉलेज उपकृत है कि उन्होंने हमारा आग्रह स्वीकार किया और यहाँ पधारे। और आप सबको मैं बता दूँ कि हमारे विशिष्ट अतिथि ऎसे ही विनम्र ह्रदय के व्यक्ति हैं। इनके व्यक्तित्व को परिभाषित करने के लिये चन्द पंक्तियाँ आप सबको सौंपती हूँ कि-

फूल दरख्तों पर खिले हुये कम ही देखे हैं
हमने तो नज़र नज़र केवल गम ही देखे हैं
आप ऐसी तासीर कहाँ से पाये हैं ज़नाब
हमने हमेशा मुस्कराने वाले कम ही देखे हैं।

ज़ोरदार तालियाँ हमारे विशिष्ट अतिथि जी के लिये। मैं हमारे फिजिक्स के प्रोफेसर डॉ. वी एस कठेल सर एवम केमिस्ट्री की प्रोफेसर डॉ ए के मंशानी सर से निवेदन करतीं हूँ कि वो हमारे विशिष्ट अतिथि जी को मंचासीन करायें।

अतिथियों के क्रम में आज के हमारे कार्यक्रम अध्यक्ष सकारात्मक ऊर्जा के स्रोत, विद्वत श्रेष्ठ, पूज्य गुरुवर हमारे Principal Sir माननीय डॉ आर एस राजपूत जी के बारे में कहने को मेरे पास शब्द ही नही हैं। कुछ चन्द टूटे फूटे शब्द जुटाये हैं। पंक्तियाँ निवेदित करती हूँ कि-

 

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