शिक्षक दिवस एंकरिंग स्क्रिप्ट । Teachers day Anchoring script in hindi । शिक्षक दिवस पर मंच संचालन स्क्रिप्ट हिंदी में। शिक्षक दिवस पर एंकरिंग कैसे करें

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यह शुचिता यह अनुशासन, यह प्रतिबद्धता दुर्लभ है
एक हाथ में सरलता की धरा, दूजे में विद्वता का नभ है
हम शिष्य सौभाग्य शाली हैं, कि आप जैसे गुरु मिले
हम बच्चों की दृष्टि में आपका, ईश्वर से भी उच्च पद है।

एक बार गड़गड़ाती तालियाँ बजा दें हमारे बड़े सर के लिये। मैं बायोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. के के खरे सर और बॉटनी के प्रोफेसर डॉ. आर पी मानेक से निवेदन करती हूँ कि आज के कार्यक्रम अध्यक्ष जी को मंचासीन करायें।

मित्रों, बड़े ही हर्ष का विषय है कि हमारे dirctor Sir आज हमारे बीच मे हैं और उन्होंने हमारे आग्रह पर आज के कार्यक्रम के लिये अपनी सरपरस्ती हमें प्रदान की है। आज के आयोजन के chief Guest हमारे Director Sir माननीय श्री श्री पी सी जैन जी इस शहर ही नही इस प्रदेश की ख्यातिनाम हस्ती हैं। समाज के हितार्थ सदा सक्रिय रहने वाले जैन सर के हम कृतज्ञ हैं कि उन्होंने कार्यक्रम का मुख्य आतिथ्य स्वीकार किया। इनके गरिमामयी व्यक्तित्व को चन्द पंक्तियाँ सौंपती हूँ कि-

आपका इकबाल और बुलंद हो, दुनिया पर छाते रहें
सितारे चाँद सूरज सब, आपके ज़माल से घबराते रहें।
हम ऐसे ही कुछ न कुछ बहाना, बना कर बुलाते रहें
और आप फरिश्तों की तरह, यूँ ही हमारे बीच आते रहें।

ज़ोरदार तालियों की गड़गड़ाहट हमारे माननीय पी सी जैन सर के लिये। मैं मेकेनिकल ब्रांच के head of the Department डॉ. पी एस कुच्या सर और कॉलेज के administration head श्री डी के वैद्य जी से निवेदन करती हूँ कि वो हमारे मुख्य अतिथि जी को मंचासीन करायें।

 

क्रम 2-दीप प्रज्ज्वलन

एक बार सम्मानीय मंच के लिये ज़ोरदार तालियों की गड़गड़ाहट हो जाये। धन्यवाद। दोस्तों, जैसी की हमारी सांस्कृतिक परंपरा है, किसी भी सांस्कृतिक आयोजन के प्रथम चरण में हम पवित्र अग्नि का प्रवज्ज्वलन करके मंगलमूर्ति गणपति से, माँ सरस्वती से, माँ भारती से प्रार्थना करते हैं कि हे परम शक्ति हमें संबल देना कि हम निर्विघ्न अपने आयोजन को सम्पन्न कर सकें।

मैं आज के मुख्य अतिथि जी, कार्यक्रम अध्यक्ष जी एवम विशिष्ट अतिथि जी निवेदन करतीं हूँ कि वो वीणावादिनी, प्रभु गणपति जी एवम माँ भारती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभ आरम्भ करें। दीप प्रज्ज्वलन के इस क्रम को चन्द पंक्तियों से सज्जित करना चाहती हूँ कि-

क्या अंधकार से डरना अब, आओ सूरज बन जाते हैं
धरती अम्बर के तम सारे, जिससे डर कर छट जाते हैं।
इक नूर बहे रूहानी सा, रौशन यह आलम हो जाये
आओ मित्रो हम मिल करके, इक झिलमिल दीप जलाते हैं।

(दीप प्रज्ज्वलन का समापन) ज़ोरदार तालियों की गड़गड़ाहट से इस पवित्र क्रम का अनुमोदन करेंगे। धन्यवाद

 

क्रम 3-सरस्वती वंदना

मैं B.Sc 2nd year की छात्रायें सोनल शर्मा, शिवांगी सेनगुप्ता से अनुरोध करता हूँ कि वो शीघ्र मंच पर आयें और एक सुमधुर सरस्वती वंदना प्रस्तुत करें।

(सरस्वती वंदना का समापन)

सुरीली मुग्ध सरिताएं मेरे उर में बहा दे माँ
ह्रदय में बाँसुरी की धुन ज़रा संगीत भर दे माँ
मैं बन जाऊँ मधुर मिश्री मुझे सुर पांचवां देना।

बहुत खूब सोनल शर्मा, शिवांगी सेनगुप्ता। कितनी बढ़िया मोहक सरस्वती वंदना प्रस्तुत की है। जोरदार तालियाँ मित्रो इस प्रेरणादायक प्रार्थना के लिये।

 

क्रम 4-स्वागत नृत्य

मित्रों, क्रम को आगे बढ़ाती हूँ। अब अगला सोपान मंच पर विराजित हमारे अतिथियों के स्वागत सम्मान का है। स्वागत सम्मान के चरण को आरम्भ करने से पहले एक सुंदर ग्रुप स्वागत नृत्य की प्रस्तुति के लिये मैं मंच पर आमंत्रित करती हूँ B.Sc द्वितीय बर्ष की छात्रायें, दीपिका सोलंकी, रुचिका देवल, दिव्यांशी गुप्ता, नैंसी सिंघई को, वो आयें और स्वागत नृत्य की प्रस्तुति दें।

(Group dance का समापन)

वाह वाह वाह। ख़ूब भालो। मित्रों, इस प्रस्तुति के बाद तो आपको भरपूर अंदाज़ा हो गया होगा कि इस आयोजन का क्या स्तर होने वाला है। चार पंक्तियाँ याद आ गईं इस प्रस्तुति के बाद कि-

सौगातों का झुण्ड बनाकर, आई सुबह मज़ा लीजे
अपने दिल के हर कोने को, इत्रों से महका लीजे
यहाँ मंच पर धूम मचेगी, अगर आप चाहेंगें तो
बस इतना करना हर क्रम पर, ताली खूब बजा दीजे।

ज़ोरदार तालियाँ दीपिका सोलंकी, रुचिका देवल, दिव्यांशी गुप्ता, नैंसी सिंघई के लिये। बहुत बहुत धन्यवाद।।

 

क्रम 5-अतिथि स्वागत

 

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