वेलेंटाइन शायरी – रोज़ डे शायरी, किस डे शायरी, प्रोपोज़ डे शायरी, हग डे शायरी, चॉकलेट डे शायरी, वेलेंटाइंस शायरी
वेलेंटाइन शायरी – दोस्तों, प्रेम का स्वरूप बहुत विराट होता है। ईश्वर, बहन, भाई, पत्नी, माँ, बेटी, पिता, गुरु और वल्कि बृहद रूप में देखा जाये तो पूरी कायनात से प्रेम किया जा सकता है। वेलेंटाइन डे जिसे प्रेम दिवस कहते हैं को स्वस्थ रूप में जाना पहचाना जाये-मनाया जाए तो इससे बेहतर कोई उत्सव नहीं हो सकता। लोग कहते हैं कि यह पाश्चात संस्कृति है, प्रेम तो रोज की जाने वाली चीज है, या प्रेम तो 12 महीने दिल मे होता है-होना चाहिये लेकिन मेरी सोच है कि किसी चीज़ या ज़ज़्बात का नियत दिन उसे भव्यता और ताज़गी प्रदान कर देता है। इस आर्टिकल वेलेंटाइन शायरी के द्वारा वेलेंटाइंस डे के समर्थन में मैं यही कहना चाहता हूँ कि प्रेम रोज़ कीजिये लेकिन कभी किसी निर्धारित दिन उसे ख़ूब उत्साह और पवित्रता के साथ ज़ाहिर भी कीजिये, तरोताज़ा भी कीजिये।
हमारी अच्छी चीजें जैसे कि योग, आयुर्वेद, गायत्री मंत्र और शास्त्रीय संगीत जैसी चीजें जब दुनिया खुले दिल से अपना रही है तब प्रेम को प्रासंगिक और गहन कर देने वाले उत्सव वेलेंटाइंस डे को अपनाने में क्या दिक्कत है। युवा मन प्रेम से ज्यादा भरा होता है, नई उम्र में उत्साह और प्रत्याशा चरम पर होती है। हमें इस बात को समझते हुये एक स्वस्थ और अच्छी मानसिकता से इस दिन को मनाना चाहिये, एक बड़ा और सकारात्मक नज़रिया रखकर अपने हर रिश्ते को प्रेम और स्नेह की फुहार से सींचना चाहिए। तभी रिश्ते पलेंगे, बढेगें और उनकी जड़ें मजबूत होंगीं। वेलेंटाइन शायरी आर्टिकल कैसा लगा अवश्य बतायें।
वेलेंटाइन शायरी
मरमरी मखमली, एक एहसास है
जैसे दिल में मेरे, कोई तो ख़ास है
ख़ूबसूरत लगे, सारी दुनिया मुझे
गर यही प्यार है, तो मुझे प्यार है।
रूप यौवन की ऐसी, नियामत रहे
अप्सरा मेनका को, शिकायत रहे
नूर रौशन रहे, तेरे रुख़ पर सदा
ये गुलाबों सी रंगत, सलामत रहे।
ख़ूबसूरत नशा ख़ूबसूरत दुआ
दिल सुलगने लगा, और उठता धुवाँ
मेरी तन्हाई को, कुछ दवा मिल गई
ऐ मेरे दोस्तों, प्यार मुझको हुआ।
तेरी सदादिली का, असर हो गया
भूल बैठा जहाँ, बेख़बर हो गया
तुम ही तुम हो ख़्यालों में, अब रात दिन
प्यार तुमसे मुझे, इस कदर हो गया।
इश्क़ होता नहीं है, अगर छोड़ दें
प्यार को दोस्ती से, चलो जोड़ दें
दोस्त बनकर मिलें, दोस्त बनकर रहें
आओ रिश्तों को मिलकर, नया मोड़ दें।
मौन होकर अभी तक, बहुत सह गया
मैं मगर आज ज़ज़्बात में, बह गया
बात दिल की ज़ुबाँ पर, मचल आई है
आज रुक ना सका, आज सब कह गया।
नेह सनेह की बात से, मिल जायें भगवान
प्रेम मिलेगा प्रेम से, यही बड़ा है ज्ञान।
प्रेम करो खुलकर करो, प्रेममयी संसार
कुत्सित भावों से बचो, मर्यादा का प्यार।
ये भी पढ़ें- प्यार की मीठी मीठी शायरी
ये भी पढें- बेस्ट रोमांस शायरी
ये भी पढें- रोमांटिक कविता दिल की बात
ये भी पढें- पहले प्यार पर कविता
नवल सहज नूतन करो, व्यक्त करो निज प्रेम
रिश्तों का आनंद लो, मिल जाये सुख चैन।
आँखों में जो लिखी है, वो बात देख पाते
झांककर मेरे दिल के, हालात देख पाते
मैंने दिया और उसने, मुस्कराकर ले लिया
काश वो ग़ुलाब में छिपे, ज़ज़्बात देख पाते।
नायाब को नायाब कहना, इनायत नहीं होती
चाँद को चाँद कह देना, शरारत नहीं होती
हुस्न की तारीफ़ करने में, हिचकिचाहट कैसी
गुलाब को गुलाब कह देना, हिमाकत नहीं होती।
तुम थोड़ी शोख़ी थोड़ी हया, थोड़ा तबस्सुम दे दो
फिर ये गुलाब बनाना, कोई मुश्किल का काम नहीं।
तुमको गुलाब दे तो दूँ मगर, हिचकिचा जाता हूँ
मल्लिका-ऐ- गुलाब को, गुलाब देना बेहतर नहीं होगा।
रंगत खुश्बू शोखियाँ नर्मियाँ, सब तो तुम्हारी इनायत है
समझ नहीं आता कि ये गुलाब, किस बात पर इतराते हैं।
आपको यह आर्टिकल वेलेंटाइन शायरी कैसा लगा। अपनी राय ज़रुर व्यक्त करें।
thanks for sharing this post
बहुत बहुत धन्यवाद रवि जी।
nice sir , bahut hi gazeb he yeh post , beautiful sir.
बहुत शुक्रिया सौरभ जी। बहुत आभार
Amit ji contcat me 8619304737
aapki is post kii charcha 5 linko ka aannad pr post hai
sundar