भाषण की शुरुआत कैसे करें। भाषण देने की प्रभावी तकनीकें। माइक पर बोलने की तकनीकें। how can you start your speech in hindi

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भाषण की शुरुआत कैसे करें – सभी पाठकों को उड़ती बात की तरफ से हार्दिक अभिवादन। दोस्तों आज से पहले हम सबने ही भाषण की शुरुआत कैसे करें विषय पर बहुत सारे वीडियो देखे होंगे और लेख पढ़े होंगें। सभी दावे तो करते हैं, काफी कुछ मोरल भी बढाते हैं लेकिन ट्रिक्स कोई नहीं बताता। आज के इस आर्टिकल भाषण की शुरुआत कैसे करें में आपको उन 7 ट्रिक्स के बारे में बताने जा रहा हूँ जिनको जानकर आप माइक के सामने कभी नहीं घबड़ायेंगे। 

भाषण की शुरुआत कैसे करें

आप लोगों ने देखा होगा कि हमारे आसपास ऐसे कई लोग होते हैं जो बहुत बातूनी (talkative) होते हैं। वो चुप ही नही होते। सच तो ये है कि दुनिया मे ऐसा कोई भी नहीं है जो चुप रहना चाहता है। आप सबने ख़ूब पढ़ा होगा-सुना होगा कि एक अच्छे श्रोता बनें! सुनना कठिन है! कम बोलना चाहिये-ज्यादा सुनना चाहिये आदि आदि।

मतलब कि ये बात तो निर्विवाद रूप से सत्य है कि बात करना सबको आता है। हर कोई बोलना चाहता है। सुनना कोई नहीं चाहता। इतनी विसंगति में भी अगर हमें बोलने की स्वतंत्रता दी जाये और ढेरों लोग शांति से सुनने के लिये तैयार बैठे हों तो हम कहते हैं कि हम नही बोल पायेंगे। हमें बोलना नही आता। है न मज़ेदार बात! क्या आप जानते ऐसा क्यों होता है?

मनोविज्ञान कहता है कि बात करना मनुष्य का स्वभाव (nature) होता है। लेकिन इस स्वभाव की ख़ास बात है कि ज्यादातर लोग one to one बात करने में ही सक्षम होते हैं। अगर उनको एक समूह या भीड़ के सामने या मंच (mice) से बोलने को कहा जाये तो वो पहल नही करते। आत्मविश्वाश (selfconfidence) की कमी, विषय पर पूर्ण जानकारी का संशय (dout), वक्ताओं या श्रोताओं (audience) के ज्ञान का स्तर उन्हें आगें आने से रोकता है।

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यहाँ दो बातें निकल कर आतीं हैं-

1-बात करना-हर किसी को आता है और यह स्वाभाविक बात है, लेकिन किसी विषय पर, विशेषज्ञ की तरह लगातार बात करना-बोलना भाषण (speach) देना कहलाता है जो कि हर किसी को नहीं आता।

2-केंद्र बिंदु बनने का डर-यह एक सामान्य मसला है। ढेरों नज़रों का focus बनना असहज बनाता है। मानवीय स्वभाव की विशेषता है कि हमें असफल (fail) होने से डर लगता हूँ। हमें बेइज़्ज़त होने से डर लगता है। हमें अयोग्य सिद्ध होने से डर लगता है।

आज हम इस लेख में चर्चा करेंगें की प्रत्येक व्यक्ति कैसे वक्ता बन सकता है। और भाषण की शुरुआत कैसे की जाये। समूह, मंच या माइक से कैसे बोला जाये।

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भाषण की शुरुआत करने के 7 तरीक़े । The 7 techniques of effective begening of speech-

1-अनकही शुरुआत-जब आपका क्रम आये या आपका नाम बोला जाये तो अपनी जगह से पूर्ण विश्वाश के साथ उठें और एक सामान्य चाल से डायस या मंच तक जायें। ऐसे जैसे हम कोई रोज़ का काम करने जाते हैं। ध्यान रखिये आपके अपने स्थान से उठने के साथ ही आपका अनकहा भाषण शुरू हो जाता है। सबकी दृष्टि आप पर पड़नी शुरू हो जाती है।

इसे ऐसे समझिये की श्रोताओं के जनसमूह को कोई विशिष्ट आदमी ही संबोधित कर सकता है। यह भीड़ V/s. वक्ता विज्ञान का समीकरण है। मतलब कि आप विशिष्ट हुये। आपका नाम बोले जाने से लेकर आपके डायस तक पहुंचने के मध्य आपके पहनावे, आपकी भावभंगिमा, आपकी सौम्यता और आपकी सहज-संतुलित चाल में श्रोता विशिष्टता ढूंढते है। सकारात्मक शारीरिक मुद्रा और आपका समग्र व्यक्तित्व ही आपका अनकहा भाषण है।

2-औपचारिक शुरुआत-इस प्रकार की शुरुआत में आप मंच पर बैठे अथितिगण, सभा मे उपस्थित गणमान्य लोग और सम्बंधित संस्था (institution) के लोगों को संबोधित करके शुरुआत कर सकते हैं।

उदाहरण-मंच पर विराजित आज के मुख्य अतिथि माननीय श्री………… जी, आज के कार्यक्रम अध्यक्ष सम्मानीय श्री……..जी, विशिष्ट अतिथि माननीय श्री…….जी, सभा की प्रथम पंक्ति में विराजित सभी गणमान्य विभूतियों और उपस्थित समस्त सुधीजनों को मैं…….सादर नमन करता हूँ। आज की चर्चा का विषय बड़ा ही ज्वलंत विषय है। मैं यहाँ कोई भाषण देने नहीं आया। मुझे आता भी नही है। लेकिन आज के ज्वलंत विषय, महिलाओं का राजनीति में योगदान पर आपसे चर्चा करके, आपकी राय अवश्य लेने आया हूँ।

यह एक बहु प्रचलित शुरुआत है। अधिकतर राजनैतिक और सामाजिक वक्ता इस तरह की शुरुआत में यकीन रखते हैं। इस तरह की शुरुआत में आपको सभी अतिथियों, गणमान्य व्यक्तियों, संस्था के पदाधिकारियों के बारे में आयोजकों से पहले जानकारी लेना आवश्यक होता है। यह एक ऐसी शुरुआत है जो आपको कुशल वक्ता की छवि प्रदान करता है।

3-सूत्रधार एवम आयोजकों का धन्यवाद-इस तरह की शुरुआत आपको विशिष्ट वक्ता की श्रेणी में स्थान देता है। जैसे ही आपके हाँथ में माइक आये सबसे पहले मंच संचालक को नाम ले के उनके कुशल संचालन की तारीफ़ करें एवं आयोजकों को भी आभार कहें।

उदाहरण-बहुत बहुत धन्यवाद श्री पंकज जी। इतना बढ़िया संचालन करने के लिए। आज के कार्यक्रम के सूत्रधार श्री पंकज जी के लिये ज़ोरदार तालियाँ बजा दीजिये। धन्यवाद। थोड़ा सा गंभीर होकर, मैं आज के आयोजकों को तहेदिल से नमन करता हूँ कि उन्होंने इतना बढ़िया आयोजन किया और ख़ूबसूरत इंतज़ामात किये। इस शहर की यही तो ख़ास बात है कि हमारी अभिरुचि सामाजिक सारोकार के अहम मसलों में सदा ही बनी रहती है। आज का विषय एक बहुत ही अहम विषय है। मेरा मानना है कि….

ऐसी शुरुआत में आप आयोजकों एवम श्रोताओं से सीधे जुड़ जाते हैं। icebreaking के लिये यह एक जानी मानी शैली कहलाती है।

4-पूर्व वक्ताओं के भाषण में से तथ्य लेकर शुरुआत-इस तरह की शुरुआत में अतिथियों और आयोजकों का अभिवादन करके पूर्व वक्ताओं के ख़ास तथ्यों या उक्तियों को दोहरा कर अपनी बात शुरू करते हैं।

◆आंगें पढ़ने के लिये कृपया पेज 2 पर जायें-

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