बाबा साहेब डॉ अंबेडकर जयंती पर मंच संचालन स्क्रिप्ट । Anchoring script for ambedkar Jayanti
जोरदार करतल ध्वनि माननीय श्री……..जी के लिये। मैं हमारी संस्था……….. के…..से अनुरोध करता हूँ कि वो हमारी कार्यक्रम अध्यक्ष जी को मंच तक ससम्मान ले के आएं।
मित्रो, इतिहास गवाह है कि कोई भी समाज बिना किसी रहनुमा के अपने उत्थान, अपनी उन्नति के चरम को प्राप्त नहीं कर सकता। और ये रहनुमा ईश्वर के भेजे हुये प्रतिनिधि होते हैं। ऐसी ही एक पाक रूह की शख्सियत आज हमारे मध्य में है। जी हां मित्रो, वो कोई और नहीं, वो हैं हम सब के आदर्श ………… के ………. माननीय श्री…………..जी। मैं उनकी विराट शख्सियत को 2 पंक्तियाँ अर्पित करते हुये उन्हें मंच पर आमंत्रित करता हूँ कि……
ऐसा हुनर ऐसी सादगी ऐसी रहनुमाई
की कैफियत नहीं देखी,
किरदार तो बहुत देखें हैं मगर
आप जैसी शख्सियत नहीं देखी।
जोरदार करतल ध्वनि माननीय श्री……..जी के लिये। मैं हमारी संस्था……….. के…..से अनुरोध करता हूँ कि वो आज के कार्यक्रम के chief Guest माननीय श्री………….जी को मंच तक ससम्मान ले के आएं।
सभी आमंत्रित विभूतियाँ मंच पर विराजमान हो गईं हैं। मैं पुनः सबको नमन करता हूँ। हमें प्राप्त इस गरिमामय सानिध्य के लिये एक बार समवेत रूप से तालियाँ बजा दीजिये। धन्यवाद
मित्रो, समय हो चला है कि हम कार्यक्रम को गति दें। मैं इन दो पंक्तियों के साथ अपने अतिथियों से विनम्र आग्रह करता हूँ कि वो बाबा साहेब के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन की परंपरा सम्पादित करें…
दिन डूबता है डूबने दो, आप शाम से ढलते रहिये।
सुबह सूरज हथेलियों में होगा, चिरागों से जलते रहिये।
(जब तक दीप प्रज्ज्वलन का उपक्रम चलता रहे। तब तक खाली अंतराल को भरने के लिये कुछ न कुछ बोलते रहें।) जैसे…
और ये तो निर्विवाद सत्य है दोस्तो कि यह प्रकाश, यह दिव्यता, यह ज्योति न हो तो पूरी कायनात विवश हो जाये। एक क्षण के लिये भी कल्पना करना दुश्वार होता है कि ईश्वर द्वारा प्रदत्त यह अमूल्य वरदान न होता तो रंग नहीं होते, तो फूल नहीं होते तो खुशबु नहीं होती, तो पंछियों की चहचहाट नहीं होती तो जीवन नहीं होता तो आशा नहीं होती तो दुआ नहीं होती तो दुखों की दवा नहीं होती।
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गीतकार भरत व्यास जी ने फिल्म संत ज्ञानेश्वर में कितने अच्छे शब्द लिखे हैं कि..
आशा टूटी ममता रूठी छूट गया है किनारा
बंद करो मत द्वार दया के दे दो कुछ तो सहारा
दीप दया के जलाते रहो प्रेम की गंगा बहाते रहो
ज्योति से ज्योति जलाते रहो प्रेम की गंगा बहाते रहो।
(दीप प्रज्ज्वलन का क्रम संपन्न) जोरदार तालियाँ इस आभा मई क्रम के लिये।
मित्रो, कार्यक्रम के अगले पायदान पर चलते हैं। मैं…………के बच्चे 1……, 2…….., 3………, 4……….., 5…….., 6………. ,को आमंत्रित करता हूँ कि वो मंच पर आयें और स्वागत नृत्य प्रस्तुत करें।
(स्वागत नृत्य की समाप्ति..) जोरदार करतल ध्वनि इन बच्चों की मनोरम प्रस्तुति के लिये। धन्यवाद। मित्रो, अतिथि अभिनंदन के क्रम की इस बेहतर शुरुआत नहीं हो सकती। जी हां दोस्तो, यह चरण हमारी विभूतियों के सम्मान का क्रम है-स्वागत का क्रम है।
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मैं इन पंक्तियों के माध्यम से आज के विशिष्ट अतिथि का इस्तकबाल करता हूँ कि..
शुक्र है कि कोई तो है जो जब मिलता है
तो परेशां ज़िन्दगी को सुकून मिलता है।
मैं श्री……… ….से अनुरोध करता हूँ कि वो आयें और हमारे आज के कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि माननीय श्री………..जी का पुष्प गुच्छ से अभिनंदन करें।
श्रीमन ………जी इस देश और समाज की सेवा के लिये तन प्रण प्राण से जुटे हुये हैं……(यहां पर जितना भी समय स्वागत के क्रम में व्यतीत हो रहा हो उस बीच उनके biodata को पढ़ कर उनकी उपलब्धियों के बारे में बात करें)
गौरव के सम्मान के इस क्रम में मैं आज के कार्यक्रम अध्यक्ष श्रीमन……….. जी का इन पंक्तियों से नमन करता हूँ कि…
मकरंद सी तासीर गुलकंद सी शख्सियत है आपकी
कुदरत की रहमतें हैं ये किसी-किसी पर ही बरसती है।
मैं श्री……… ….से अनुरोध करता हूँ कि वो आयें और हमारे आज के कार्यक्रम के कार्यक्रम अध्यक्ष माननीय श्री………..जी का पुष्प गुच्छ से अभिनंदन करें।
(यहां पर जितना भी समय स्वागत के क्रम में व्यतीत हो रहा हो उस बीच उनके biodata को पढ़ कर उनकी उपलब्धियों के बारे में बात करें)
मित्रो, अभिनंदन के क्रम के अंतिम पढ़ाव में मैं आज के कार्यक्रम के chief Guest माननीय श्री………जी के विराट व्यक्तित्व, उनकी दृढ़ता, उनके हौसले और उनकी सामाजिक उत्थान की ज़िद के नाम पर भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल विहारी बाजपेयी जी की दो पंक्तियाँ भेंट करके उनका सम्मान करता हूँ कि…
दांव पर सब कुछ लगा है रुक नही सकते
टूट तो सकते हैं हम मगर झुक नही सकते।
जोरदार तालियाँ। मैं श्री……… ….से अनुरोध करता हूँ कि वो आयें और हमारे आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय श्री………..जी का पुष्प गुच्छ से अभिनंदन करें।
(यहां पर जितना भी समय स्वागत के क्रम में व्यतीत हो रहा हो उस बीच उनके biodata को पढ़ कर उनकी उपलब्धियों के बारे में बात करें)
मित्रो, मुझे बखूबी इस बात का अहसास है कि आप सब आज के मुख्य अतिथि परम सम्मानीय श्री……..जी के प्रेरक वचन सुनने के लिये बेताब हैं। मैं आप सबको और इंतज़ार नही कराऊंगा। मैं इन दो पंक्तियों के साथ मुख्य अतिथि जी से निवेदन करना चाहूंगा कि…
जीने का कोई मकसद हो,
कुछ लक्ष्य मिले कुछ चाह मिले
श्रीमान अगर कुछ कह दें तो
हम भटकों को कुछ राह मिले।
(भाषण का समापन..) जोरदार तालियाँ मित्रो। मैं अपने मुख्य अतिथि जी की उज्ज्वल सोच और विनम्रता को नमन करता हूँ। मित्रो इस अवसर पर हमारी समाज और संस्था से जुड़े हुए बहुत सारे प्रतिभाशाली छात्र-छात्राएं भी उपस्थित हैं, जिन्होंने अपने कठिन परिश्रम से अपनी मेधा से, अपनी अपनी कक्षा और शाला ही नही बल्कि प्रदेश और देश में अपना नाम रौशन किया है एवम शीर्ष स्थानों को प्राप्त किया है।
मैं माननीय मुख्य अतिथि जी, अध्य्क्ष जी एवं विशिष्ट अतिथि जी से इन छात्र -छात्राओं को पुरष्कृत करने के लिये, इनकी हौसला अफ़ज़ाई के लिये निवेदन करता हूँ। ताकि ये आज के फूल, कल के फलदार-छायादार बृक्ष बन सकें। और सभी विद्यार्थियों से निवेदन है कि जिसका भी नाम का वाचन मैं यहाँ से करता जाऊँ वो मंच पर आते जाएं।
(छात्र सम्मान के क्रम का समापन..) जोरदार तालियाँ इन बच्चों के सम्मान में।
मैं हमारी संस्था………. के ………..से विनम्र अनुरोध करता हूँ कि वो यथा शीघ्र मंच पर आयें और आभार प्रदर्शन का क्रम संपादित करें।
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(आभार प्रदर्शन की समाप्ति..) जोरदार तालियाँ……..जी के लिये।
आप सबकी सूचना के लिये मैं बताना चाहूंगा कि स्वादिष्ट लंच की व्यवस्था बगल वाले हॉल में रखी गई है अनुग्रह है कि लंच अवश्य करें। लंच पश्चात विगत वर्षों की तरह ही भव्य एवम विराट बाइक रैली का आयोजन है। सबसे मेरा अनुरोध है लंच के बाद बाइक रैली में अवश्य ही शामिल हों। धन्यवाद।
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स – आदर नमस्कार,अमित जी।
सम्मान और तारीफ आपके हुनर की,और कोटि कोटि धन्यवाद आपको।
आपने बात को तवज्जो देते हुए युग पुरुष बाबा साहेब डॉ.भीम राव अम्बेडकर जयंती पर आलेख लिखा।वास्तव में आपने विचारों की असीम गहराईयों में जा कर आलेख में जो मोती सजाएँ है वह अवर्णनीय तारीफ योग्य है।निश्चित ही आपका आलेख मुझे और प्रोत्साहित करेगा।भविष्य में इन्ही स्फूर्ति और प्रेरणा दायक आलेखों की आपसे आशा करते हुए ढेरों शुभकामनाओं सहित………….
मुकुल कान्त सोनिया
बहुत शुक्रिया मुकुल जी। निश्चित ही आप एक बेहतरीन एंकर हैं। आपकी भाषा शैली और शाब्दिक चयन बहुत ही उत्तम है। आप anchoring में शिखर को छुएं ऐसी शुभकानायें हैं। आभार।
धन्यवाद अमित जी, मैं तो अदना सा हूँ आपके समक्ष।पर आपकी शुभकामनाएं बड़ी हिम्मत देंगी।और आपका मार्गदर्शन मुझे प्रेरित करेगा निरंतर अच्छा,अच्छा,और अच्छा करने की। बहुत शुक्रिया।
मंच संचालन से जुड़ी आपने बहुत ही अच्छी जानकारी प्रस्तु त की इसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
बहुत बहुत शुक्रिया जमशेद जी। बहुत बहुत आभार आपका।
आपने भारत रत्न,संविद्यान निर्माता ,नारी उद्धारक बाबा साहब डॉ भीम राव पर आलेख लिखा इसके लिए आपको हृदय तल की गहराईयो से धन्यवाद ।
उम्मीद करता हूँ की बाबा साहब पर ऐसे ही प्रेरक लेख आप आगे भी लिखते रहेंगे।
बहुत बहुत धन्यवाद अजय जी। आपके प्रोत्साहन से ऊर्जा मिली। बहुत आभार। उड़ती बात से जुड़े रहें।
बहुत खुबसुरत मंच के अधीन आपने बहुत अच्छे विचार प्रकट किये आपको बहुत बहुत धन्यवाद कि आपसे हमको बहुत कुछ सिखने को मिले
आपका बहुत बहुत आभार मनीष जी। बहुत बहुत शुक्रिया प्रोत्साहन के लिये।
आपने बहुत ही अच्छी मंच सञ्चालन विधि के माध्यम से बाबा साहेब के लिये जो अछूती कड़ियों की झड़ी बनाई है उसके लिए मैं आपको ह्रदय तल से शुक्रिया देना चाहता हूं और हो सके तो मुझे बाबा साहेब के सम्बन्ध में कुछ पंक्तिया आज संध्या (12-04-2017) तक जरूर लिख भेजेआपका आभार प्रकट करते आपसे हमेशा कुछ सीखने वाला एक ‘learner’
Email id address: [email protected], [email protected]
शुक्रिया सुरजीत जी आभार बहुत बहुत।
वाह्ह्ह…अमित जी मंच संचालन के साथ अद्भुत कवित्व का परिचय दिया बहुत मोहक ।बहुत पसंद आयी आपकी लेखनी।
अपने उन्नति पथ पर यूँ ही अग्रसर रहे मेरी हार्दिक शुभकामनाएं जी।
आपका बहुत बहुत बहुत आभार श्वेता जी। आपकी शुभकामनायें मेरे लिये नैमतों की तरह हैं। आपका कैसे शुक्रिया कहें। कृतज्ञ हूँ । ऐसे ही हौसलाअफजाई करतीं रहें। नमन।
अरे नहीं अमित जी आपको शुक्रिया कहने के लिए शब्द ढूँढने की आवश्यकता नहीं आप की प्रतिभा मेरे शब्दों से परे है जी।सदा स्वस्थ्य एवं.प्रसन्न रहे जी।
निरुत्तर हूँ। क्या कहूँ…
ऐसा लगता है जैसे आप मेरी बस्ती मेरे घर आये
और हम हैं कि आपका इस्तक़बाल भी नही कर पाए।
आप जैसे बड़े रचनाकार का स्वाभाविक बड़प्पन है। आभार। नमन।
nice anchoring script but mai ek bat puchna chahungi aapse ki ganesh vandana ku rakhi gyi hh baba sahab ji ki jayanti k subharamh k liye
Thanks Again Amit ji…Our program has been completed successfully… your’s baba shaheb ambedkar ji script was very much supported and appreciated to me…धन्यवाद । आपके बाबा साहेब अम्बेडकर जी से सम्बंधित आलेख ने मुझे अपने कार्य में और प्रोत्साहित किया और आपसे जुड़े रहने के लिए एक माध्यम भी दिया।आगे और भी बहुत सीखना है आपसे। पुनः आभार आपका।।??
बहुत बहुत शुक्रिया मुकुल जी। आपकी प्रतिभा, हुनर, शैली और विश्वास ही आपको आंगें लेकर जाता है। उसी का पूर्णतः कमाल है। हमने तो महज चंद सुझाव आपको दिये। आपने सराहा। आपका आभार। जी इससे बेहतर और कोई बात नही हो सकता कि आप उड़ती बात से सदा जुड़े रहे। शुक्रिया मित्र।
मैं आम्बेडकर मिशनरी कार्यक्रमों का मंच संचालन करता हूं मैने अनेक कार्यक्रमों का सफल मंच संचालन किया है ।भगवान तथागत सम्यक सम्बुद्ध और बाबा साहेब अम्बेडकर जी के दर्शन पर आधारित कार्यक्रमों का संचालन करने में यह जानकारी काफी सहायक सिद्ध हो सकती हैं ।भवतु सब्ब मंगलमं ।नमो बुद्दाय जयभीम
आप जैसे प्रबुद्ध व्यक्तित्व का उडती बात पर पदार्पण उड़ती बात के लिये गौरव का विषय है। सराहना के लिये बहुत शुक्रिया बहुत आभार।
बुद्ध जयंती पर कोई सामग्री हो तो जरूर शेयर करे।समस्त जानकारी के लिए साधुवाद ।?
जी प्रयास करूंगा बौद्ध साहब। आपका बहुत बहुत आभार।
दिल चलते गया दिलबर चला गया ,साहिल पुकारता है कि समन्दर चला गया ,पर बात जो सही वह कहता नही कोई ,दुनियां से दलितों के पैगम्बर चला गया ।जयभीम
सर आपने इस सम्बंध में कोई पुस्तक लिखी हो तो जानकारी दें
आदरणीय अमित जी नमस्कार, मंच संचालन में हमे आपसे बहुत कुछ सीखने को मिला इसके लिये ह्र्दयतल से आपका हार्दिक आभार साथ ही आपसे विनम्र निवेदन है कि आप हमें राजनितिक मंच संचालन स्क्रिप्ट लिखकर लाभान्वित करे आपकी बड़ी कृपा होगी।
बहुत धन्यवाद श्रीकांत जी। जी अवश्य इस विषय पर कोई लेख लिखने का प्रयास करूंगा। आभार आपका
ह्र्दयतल से आभार आदरणीय
Sir, भाषण को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने के लिये कुछ शानदार तुकबंदी का भी प्रबंध करें….
धन्यवाद
कमल किशोर राणा
कमल जी बहुत सुंदर आईडिया है। आप अगर एक कोई उदाहरण दे कर मुझे बता सकें तो अवश्य प्रयास कर सकता हूँ। बहुत आभार धन्यवाद मित्र