ताली शायरी । तालियों वाली शायरी । Taali par shayri । taaliyon waali shayri-Part-2

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ताली शायरी – एंकरिंग में एंकरिंग शायरी, गेस्ट वेलकम शायरी का जितना महत्व है उतना ही ताली शायरी का भी महत्व है। ज्यादा और बेहतर तालियों की ज़रूरत है तो ताली शायरी का भरपूर प्रयोग करें देखिये कार्यक्रम में किस तरह से जान आ जाती है। आज के इस आर्टीकल में आपके लिये प्रस्तुत हैं कुछ बेहतरीन ताली शायरी। आशा करता हूँ कि इससे आपको काफी कुछ सहायता मिलेगी। 

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ताली शायरी

ख्वाहिशें आली होंगी,
आसमान बन जांयेंगीं
ये उदासीयां गर्क होकर,
मुस्कान बन जांयेंगीं
आप तालियाँ बजाकर,
हौसलों को हवा देते रहें
आप की तालियाँ महफ़िल की,
जान बन जांयेंगीं।

मौजूपन की लज़्ज़त वाली,
बातें मतवाली होंगीं
इस महफ़िल के ज़र्रे-ज़र्रे,
रूही खुशहाली होंगीं
इधर सजी गुलकंद मिली कुछ,
माखन मिश्री जैसी शाम
क्या कहना जब उधर से तड़तड़,
जोरदार ताली होंगीं।

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दीप जले हैं सो मत जाना,
मिलकर करना रखवाली
फ़ूल खिले हैं चप्पे चप्पे,
सावधान रहना माली
आवाज़ें कुछ करते रहना,
तब गुलशन मुस्कायेगा
चलो बजा दो फिर से मिलकर,
एक बार तड़तड़ ताली।

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नयी हवा है नई लहर है,
नई महक है मतवाली
और नए कुछ मौसम लाये,
दुनिया भी सपनो वाली
हम तो रंग ज़माने बैठे,
रंगों में नहला देंगे
चलो करें फिर शुरू बजा दें,
एकबार खुलकर ताली।

ज़माने की सारी खुशियाँ,
इन्हें बाहों में भर लेंगीं
आपकी हौसलाअफजाई,
इनमें विश्वास भर देगी
आप बस हर प्रस्तुति पर,
जोरदार तालियाँ बजाते रहें
आपकी स्नेहिल सराहना
इन्हें उत्साह से भर देंगीं।

सौगातों का झुण्ड बनाकर,
आई शाम मज़ा लीजे
अपने दिल के हर कोने को,
इत्रों से महका लीजे
यहाँ मंच पर धूम मचेगी,
अगर आप चाहेंगें तो
बस इतना करना हर क्रम पर,
ताली खूब बजा दीजे।

इन कलाकारों के हौसलों को,
बुलंदियों की हवा दीजिये
नए नए फूल खिले हैं इन्हें,
मकबूलियत की दुआ दीजिये
ये अपने फन से हर महफ़िल में,
ऐसे ही रंग जमाते रहें
इनके लिए आशीर्वाद में,
जोरदार तालींयां बजा दीजिये।

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