मंच संचालन स्क्रिप्ट-गणतंत्र दिवस। manch sanchalan script- Republic Day

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ना गिनकर देता है ना तौलकर देता है
खुदा भी नेकबंदो को दिल खोल कर देता है।

मैं हमारी (संस्था/स्कूल/कॉलेज) के अध्यक्ष/उपाध्यक्ष/सचिव श्री……………जी से अनुरोध करती हूँ कि वो आयें और माल्यापर्ण करके हमारे आज के कार्यक्रम अध्यक्ष जी का स्वागत करें-अभिनंदन करें। 

 

एंकर मेल-एकबार जोरदार तालियों की ध्वनि करके हमारे नगर, हमारे प्रदेश का मस्तक गर्व से ऊंचा करने वाली हमारी इन अतिथि हस्तियों का अभिनंदन करेंगे। बहुत बहुत धन्यवाद।

मैं आज के मुख्य अतिथि श्रीमन……….जी से अनुरोध करता हूँ कि देशभक्ति के इस बासंती त्यौहार पर हमें चंद शब्द कहकर हमारा पथ प्रदर्शित करें। 

 

मुख्य अतिथि संक्षिप्त भाषण । 

 

एंकर फीमेल-बहुत ही प्रेरणा दायक वक्तव्य । जोरदार तालियाँ ऐसी सकारात्मक सोच भरे उदगार के लिए। बहुत बहुत धन्यवाद माननीय मुख्य अतिथि जी।

तो आइये प्यारे देशवासियों, हम अब छलकाते हैं रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का एक ऐसा अमृत घट जिसकी बूंद-बूंद आपकी नसों में देशभक्ति का तेज़ाब बहा देगा। 

 

संगीन पे धर कर माथा सो गये अमर बलिदानी
जो शहीद हुये हैं उनकी ज़रा याद करो कुर्बानी। 

 

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जी हाँ साथियों, यह वो अमर गीत है जिसे सुनकर हमारे दिल में इस देश पर कुर्बान हो जाने का ज़ज़्बा आ जाता है।

अमर शहीदों के शौर्य और बलिदानों की याद से भरा हुआ यह अमर गीत आपके सामने प्रस्तुत करने आ रहीं हैं हमारी संस्था/स्कूल/कॉलेज की प्रतिभागी कुमारी ………… तो आइये साथियों डूब जाते हैं इस अमर गीत में। 

 

एंकर मेल-बेमिसाल । बेमिसाल । बहुत ही सुन्दर ओज से भरी हुई सुमधुर प्रस्तुति । एकबार जोरदार तालियाँ हमारे अमर शहीदों के नाम पर और कुमारी………..की इस शानदार प्रस्तुति के लिए बजा सकते हैं।

साथियों, इक तड़प, इक सिहरन, इक हूक सी दिल में उठती है जब हम उन गुलामी के दिनों के बारे में पढ़ते हैं ।

वो फिरंगियों के नित-नित नए बवाल, वो देश का बुरा होता हाल, वो घर घर में उठती आज़ादी की बेचैनी, वो सरफरोशों की नस-नस में उबाल। आज जितना हम जानते समझते हैं ये दास्तां उससे भी कहीं ज्यादा गहरी और महान है।

मैं चार पंक्तियाँ उन महान शहीदों और आज़ादी के मतवालों के नाम समर्पित करना चाहता हूँ कि 

 

दृढ़ता हो लौह पुरुष जैसी,
कुछ भगत सिंह सी मस्ती हो
नेताजी जैसा ओज मिले,
आज़ाद के जैसी हस्ती हो
उधम का उधम दिल बिस्मिल,
मंगल पांडे का ताव मिले
हे ईश्वर जन्म दुबारा दो तो,
भारत माँ की छांव मिले

 

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