इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंकरिंग (Electronic media Anchoring) क्या है? कुछ आधारभूत जानकारियाँ-आवश्यक योग्यतायें-कॅरियर । Electronic media Anchoring-scop-besic knowledge- eligibility

एंकरिंग के दो प्रकार (variant) होते हैं। पहला इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंकरिंग (Electronic media Anchoring) और दूसरा मंचीय एंकरिंग (stage Anchoring), मैं इस लेख के द्वारा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंकरिंग (Electronic media Anchoring) के बारे में कुछ आधारभूत बातें आपको बताना चाहूँगा।
भारतीय संविधान के चार आधारभूत स्तम्भों (4 pillar of democracy) में से एक मीडिया है। और आज के तकनीकी दौर में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया सबसे प्रासंगिक और तेजी से बढ़ने वाला मीडिया है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की एंकरिंग में केवल समाचार वाचन करना ही शामिल नहीं है बल्कि इसका बहुत विस्तृत रूप है।
फील्ड में न्यूज़ चैनल के लिये रिपोर्टिंग, खोजी पत्रकारिता, किसी मनोरंजक कार्यक्रम, प्रतियोगिता कार्यक्रम, टेलेंट हंट आदि की एंकरिंग करना आदि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंकरिंग में शामिल होता है।
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इसी प्रकार इसमें महज़ टेलीविजन ही शामिल नहीं है, इसके अंतर्गत इंटरनेट (internet) और रेडियो (radio) भी शामिल है। जहाँ रेडियो पर उनके मापदंडों के अनुसार आपकी सही आवाज़, आवाज़ के सही उतार चढ़ाव, शब्दों का सही सही उच्चारण और बढिया हाज़िरज़बाबी, वाकपटुता (Good sense of humor) की आवश्यकता होती है वहीं टेलीविजन (television) और इंटरनेट के कार्यक्रमों में आपके आकर्षक व्यक्तित्व और सटीक शारीरिक भाव भंगिमाओं (Body language) की भी अनिवार्यता होती है।
आज के कड़ी प्रतिस्पर्धा के दौर में प्रवेश स्तर (entry lable) पर आपकी योग्यतायें ही काम आती हैं। इन्हीं कागज़ी योग्यताओं के आधार पर शुरुआती प्रवेश परीक्षा, इंटरव्यू (interview) या ग्रुप डिस्कशन आदि के लिये पात्र बन पाते हैं। इसलिये अगर आप इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में कैरियर बनाने का सोच रहे हों तो आपको इस विधा के विशेष कोर्स करना आवश्यक है।
बिभिन्न संस्थान इसके लिये सर्टिफाइड कोर्स (certified course) डिप्लोमा और डिग्रियां दे रहे हैं। इस फील्ड में दो तरह के कोर्सेस चलाये जाते हैं। UG लेबल के कोर्स जो कि करीब 3 वर्ष के लिये होते है और PG लेबल के कोर्स जो कि 2 वर्ष के लिये होते हैं। कुछ संस्थायें शॉर्ट डिप्लोमा भी ऑफर करती हैं। एक बार आपने अपनी योग्यता सिद्ध कर दी फिर इन कोर्सेस के ज्यादा मायने नही रह जाते हैं।
कुछ भारतीय कॉलेज (colleges) और इंस्टीट्यूशन्स (institutions) की जानकारी आप को दे रहा हूँ जो इसके लिये डिग्री डिप्लोमा कोर्सेस कराते हैं।
-Symbiosis Institute of Media & Communication
-NRAI School of Mass Communication
-Editworks School Of Mass Communication
-Virtual Voyage College of Design,Media Art & Managemenet
गलाकाट प्रतिस्पर्धा में जो अपडेट है, वो आंगें है और वही इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में टिक पाता है। सबसे तेज-सबसे पहले इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का नारा है। समय सीमा (timeline) इस फील्ड की प्रथम अर्हता है। अगर आप मे कई कई घण्टे लगातार और धैर्य के साथ बिना गलती किये कार्य करने की क्षमता है, अगर आप इस होड़ के तनाव को आदत बना सकने में सक्षम हैं तो आपके लिये यह फील्ड एकदम बढिया रहेगा।
इस फील्ड में शुरुआती समय मे थोड़ा कम लेकिन एक बार स्थापित हो जाने के पश्चात काफी आकर्षक वेतन, सुविधायें उपलब्ध हैं। धन की समस्या इस फील्ड में नही है। अब तो न्यूज़ चैंनलों में विदेशों में अपने संवाददाता और कार्यक्रम प्रस्तोता को नियुक्त करने का चलन बढ़ रहा है। जिसमें बहुत आकर्षक आय ऑफर की जाती है। आशा है कि थोड़ी बहुत जानकारी आपको इस लेख के द्वारा अवश्य दे पाया होऊंगा।
बहुत ही सुंदर जानकारी मौलिक जी
आपका बहुत बहुत आभार मान्यवर। यूँ ही आशीर्वचन देते रहें।
वाह्ह्ह…अमित जी ज्ञानवर्द्धक और उपयोगी लेख लिखा आपने।जो लोग इस क्षेत्र में कैरियर बनाने को.इच्छुक हो वो अवश्य लाभान्वित होंगे।
ऐसे और भी लेख लिखते रहे कृपया।
आपका अतुल्य आभार। आप सदा सराहते हैं। ऐसे ही उत्साहबर्धन करते रहें। बहुत शुक्रिया