स्वागत गीत – हमारी सांस्कृतिक परंपरा है कि हम कोई भी मंचीय कार्यक्रम किसी विशिष्ट या चर्चित हस्ती की अध्यक्षता और सानिध्य में संपन्न करते हैं। कार्यक्रम को भव्यता और गरिमा प्रदान करने के लिये यह एक अपरिहार्य नियम है। इस तरह की स्थिति में आमंत्रित अतिथियों का अभिनंदन एवम सम्मान करने के लिये स्वागत
Guest welcome Shayari – अतिथि स्वागत शायरी पार्ट 4 : मेरे सभी एंकर मित्रों को गणतंत्र दिवस की अग्रिम शुभकामनायें। गणतंत्र दिवस का राष्ट्रीय उत्सव अब बहुत ही करीब है और निश्चित रूप से हमारे ज्यादातर मित्रगण 26 जनवरी की एंकरिंग के कुछ assignments की तैयारियों में मशगूल होंगें। स्वागत शायरी का आज का यह स्वरचित article Guest welcome
Guest welcome shayari – एक अच्छे मंच संचालन में Guest welcome shayari की बहुत आवश्यकता होती है। अतिथि स्वागत शायरी की श्रंखला में यह कड़ी आपको कैसी लगी, अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें। Guest welcome shayari अतिथि स्वागत शायरी आभार शायरी आपकी खुश्बू जग में फैले, यश उत्तंग हिम पर्वत हो यही दुआयें श्रीमान जी, आपकी आयु
है मंच सार्थक है मंच उपकृत, श्रीमान जी जो यहाँ पधारे। हम आज गर्वित ह्रदय हैं हर्षित, अहोभाग्य हैं बड़े हमारे।। ये जन मनोहर छवि तुम्हारी, कि जैसे सूरज गगन पर चमके। यूँ मन सुकोमल जहाँ की सारी, मृदुलता वाणी से जैसे छलके। कि क्या दें परिचय बड़ा है अतिशय, नमन को आतुर नयन हमारे।।
अतिथि स्वागत के दोहे – उड़ती बात पर प्रकाशित मंच संचालन के चर्चित आर्टिकल मंच संचालन शायरी, ताली शायरी, मंच संचालन स्क्रिप्ट की श्रखंला को आंगे बढ़ाते हुये आप सब के समक्ष प्रस्तुत है अतिथि स्वागत के दोहे के रूप में लिखी अतिथि स्वागत शायरी का ऐसा संग्रह जो कि आपको मुदित कर देगा। अक्सर
मजलूमों के मसीहा हो, बेसहारों का सहारा हो बेरहम तपती धूप में, शज़र की शीतल छाया हो आपकी तारीफ़ में कहने को, शब्द कहाँ से लायें हम आप तूफानों में कश्ती हो, डूबतों का किनारा हो आपका इकबाल और बुलंद हो, दुनिया पर छाते रहें सितारे चाँद सूरज सब, आपके ज़माल से घबराते रहें हम
आभार शायरी – सभी मंच संचालक मित्रों को स्नेहिल अभिवादन। मंचीय प्रस्तुतिकरण में अगर कोई सबसे महत्वपूर्ण क्रम होता है तो वो होता है अतिथियों का स्वागत क्रम। इस आर्टीकल आभार शायरी में अतिथि स्वागत शायरी एवम Gratitude shayari का प्रथम collection आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ। आशा है इससे आप सबको कुछ सहायता
अतिथि स्वागत गीत – स्वागत गीत की श्रृंखला में प्रस्तुत है अतिथि स्वागत गीत -2 यह आर्टिकल आपको कैसा लगा अपनी प्रतिक्रिया ज़रूर व्यक्त करें। अतिथि स्वागत गीत धन-धन हमारे भाग हैं, श्रीमन हमारे साथ हैं हम नमन अभिनंदन करें, तव जोड़कर द्वय हाथ हैं। अनुगृहित है मन मुदित है, श्री मन पधारे जो यहाँ
धुन्ध ही धुंध थी पूरा आसमान, सर पे उठा रक्खा था एक बार हुज़ूर क्या कह दिया हमने, आतंक मचा रक्खा था हमने इक रोज़ इमदाद मांग कर, उनकी हवा ख़राब कर दी जिन्होंने खुद को बहुत बड़ा, सुल्तान समझ के रक्खा था। बिना दुश्वारी के बिना तकलीफों के ये नामुराद ख़्वाब कहाँ संवरते