आज मैं गाऊँ एक कहानी सच्ची तुम्हें सुनाऊं  थी राजकुमारी एक पिता मिथलेश शील और त्याग की गाथा गाऊँ सीता था उसका नाम गुणों की खान, थी सुन्दर उसकी काया थी रूप की चर्चा दूर बुद्धि भरपूर, थी धरती माता उसकी जाया   ये भी पढ़ें: गंगा नदी पर कविता