Guest welcome shayari – एक अच्छे मंच संचालन में Guest welcome shayari की बहुत आवश्यकता होती है। अतिथि स्वागत शायरी की श्रंखला में यह कड़ी आपको कैसी लगी, अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें। Guest welcome shayari अतिथि स्वागत शायरी आभार शायरी आपकी खुश्बू जग में फैले, यश उत्तंग हिम पर्वत हो यही दुआयें श्रीमान जी, आपकी आयु
अतिथि स्वागत के दोहे – उड़ती बात पर प्रकाशित मंच संचालन के चर्चित आर्टिकल मंच संचालन शायरी, ताली शायरी, मंच संचालन स्क्रिप्ट की श्रखंला को आंगे बढ़ाते हुये आप सब के समक्ष प्रस्तुत है अतिथि स्वागत के दोहे के रूप में लिखी अतिथि स्वागत शायरी का ऐसा संग्रह जो कि आपको मुदित कर देगा। अक्सर
अतिथि स्वागत शायरी फूल दरख्तों पर खिले हुये, कम ही देखे हैं हमने तो नज़र नज़र केवल, गम ही देखे हैं आप ऐसी तासीर, कहाँ से पाये हैं ज़नाब हमने हमेशा मुस्कराने वाले, कम ही देखे हैं। जगमोहन सी बातें करके, लूट लूट ले जाते हैं सौगातों की झोली भर कर, प्यार बांटते जाते
मजलूमों के मसीहा हो, बेसहारों का सहारा हो बेरहम तपती धूप में, शज़र की शीतल छाया हो आपकी तारीफ़ में कहने को, शब्द कहाँ से लायें हम आप तूफानों में कश्ती हो, डूबतों का किनारा हो आपका इकबाल और बुलंद हो, दुनिया पर छाते रहें सितारे चाँद सूरज सब, आपके ज़माल से घबराते रहें हम
आभार शायरी – सभी मंच संचालक मित्रों को स्नेहिल अभिवादन। मंचीय प्रस्तुतिकरण में अगर कोई सबसे महत्वपूर्ण क्रम होता है तो वो होता है अतिथियों का स्वागत क्रम। इस आर्टीकल आभार शायरी में अतिथि स्वागत शायरी एवम Gratitude shayari का प्रथम collection आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ। आशा है इससे आप सबको कुछ सहायता
ताली शायरी पार्ट 1 – उड़ती बात के सभी प्रशसंकों को अमित मौलिक का स्नेहिल अभिवादन। दोस्तों, मंच और ताली एक दूसरे के पूरक हैं। किसी भी मंचीय प्रस्तुति की सफलता का एक ही पैमाना होता है और वह है तालियाँ बजना। हालांकि कई बार अच्छी प्रस्तुति पर भी कमजोर तालियाँ आती हैं। ऐसा इसलिए
धुन्ध ही धुंध थी पूरा आसमान, सर पे उठा रक्खा था एक बार हुज़ूर क्या कह दिया हमने, आतंक मचा रक्खा था हमने इक रोज़ इमदाद मांग कर, उनकी हवा ख़राब कर दी जिन्होंने खुद को बहुत बड़ा, सुल्तान समझ के रक्खा था। बिना दुश्वारी के बिना तकलीफों के ये नामुराद ख़्वाब कहाँ संवरते