अगर आप एक anchor के रूप में प्रतिष्ठित हैं तो यह post आपके लिये बहुत उपयोगी साबित हो सकता है। यह post मेरे पिछले लेख मंच संचालन के 10 महत्वपूर्ण नियम का अगला भाग है। पिछले post में मैंने पूर्व नियोजित मंच संचालन (planned Anchoring) करने की technics के बारे में 10 tips
ख़्वाहिशें और थीं हाल हैं कुछ ज़ुदा सूरतें किस्मतों की बदलती नहीं थक गये हम दुआ मांगते मांगते हाथ की कुछ लकीरें बदलती नहीं हमने सुन लीं हैं ढेरों नसीहत है गज़ब की तुम्हारी शरीयत गर्क हो जायेंगे हम तुम्हारी कसम बेरहम ये नजीरें बदलती नहीं आपको आपकी साफगोई क्या कहूँ हर दफ़ा आँख रोई
अब भगवा कहो या केशरिया, सर चढ़कर के रंग बोला है उत्तर ने उत्तर खोज लिया, यू पी योगी संग डोला है। आवाम घरों से निकल पड़ी, यूपी भगवा रंगी कर दी गुलफ़ाम ख़लीफ़ा जितने थे, तवियत उनकी चंगी कर दी। दुर्दिन दशकों के सुलग उठे, इक धुवाँ गगन पर छाया है आक्रोश
बारह भावना राजा राणा छत्रपति, हाथिन के असवार । मरना सब को एक दिन, अपनी-अपनी बार ॥ दल बल देवी देवता, मात-पिता परिवार । मरती बिरिया जीव को, कोऊ न राखन हार ॥ दाम बिना निर्धन दुखी, तृष्णा वश धनवान । कबहूँ न सुख संसार
चित्र साभार-vidyasagar.net -आचार्य श्री के चरणों में 4 पंक्तियाँ- कैसे कह दूँ क्यों बहती हैं, मैं क्या जानूं क्या कहती हैं होकर बे-होश बहक जातीं, भीगी-भीगी सी रहती हैं भगवान अगर यूँ मिल जायें, कोई कैसे ना बेसुध हो गुरुवर को देख छलक जातीं, अखिंयां मेरी रो पड़ती हैं। -आचार्य श्री विद्यासागर जी
रंग बिरंगी दुनिया लाये, संग उमंगों के संजोग लाल हरे कुछ नीले पीले, नारंगी मतवाले लोग होली पर खुशियां भी होलीं, छैल छबीलीं गुलनारीं खुशियों वाले रंग लगाने, आये हैं दिलवाले लोग स्नेही स्वजनों, आप सबको होली की रंग भरी शुभकामनायें.. मित्रो, रंगों का खूबसूरत कारवाँ किसे नहीं लुभाता। रंगों का निर्माण
अतिथि स्वागत शायरी फूल दरख्तों पर खिले हुये, कम ही देखे हैं हमने तो नज़र नज़र केवल, गम ही देखे हैं आप ऐसी तासीर, कहाँ से पाये हैं ज़नाब हमने हमेशा मुस्कराने वाले, कम ही देखे हैं। जगमोहन सी बातें करके, लूट लूट ले जाते हैं सौगातों की झोली भर कर, प्यार बांटते जाते
दिलों में बवाल होंठों पर सवाल रक्खो ज़माना टेढ़ा है तुम भी टेढ़ी चाल रक्खो आखिरी हिचकी है बाक़ी तू अभी रहने दे आखिरी दांव लगायेंगे लगाने वाले पूछ कर हाल बतायेंगे ज़माने भर को ये तमाशा भी बनायेंगे बनाने वाले हमने सूरज भी बनाया है जलाया बरसों वो चिरागों को हैं खैरात
Anchor Female– परम आदरणीय Principal Sir एवम हमारे सभी आदरणीय गुरुजन, आप सबके चरणों में सादर वंदन करती हूँ। आज के इस कार्यक्रम में उपस्थित, हमारे विद्यालय के सभी वरिष्ठ जनों को सादर नमन करती हूँ। एवम, हम सभी juniors के well-wishers, हमारे सभी seniors को सादर प्रणाम करते हुये, हमारे सभी साथियों
गोरी से होरी कैसे हो, हफ़्तों के ताने-बानों को रंगों की पुड़ियाँ हाथों में, ले आस हुमक अरमानों को मौके तकना तक तक थकना, हड़बड़ियों में वो गड़बड़ियां कैसे भूलें वो दिन गोरी, कैसे होली की बातों को गोरी के गुलाबी गालों को, गालों पर बिखरे बालों को वो छज़्ज़े वाली खिड़की को,