Love shayari । Pyar ki shayari । दिलवालों की शायरी। प्यार के खट्टे मीठे रंगों की शायरी

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बेख़बर हो इसलिये मुआफी है
जान के करते तो जान ले लेता।

नादानियाँ इतनी भी बुरी नही होती
ज़्यादा इल्म ही इनको बुरा बनाता है।

तू जैसे चाहे मुझसे इंतकाम ले ले
बस एक बार आजा फिर चाहे जान ले ले।

अब तुम्हारे बहाने जायज़ लगने लगे हैं
शायद इश्क एक मुकाम पर पंहुच गया।

हाँ मुझे सब्र नही है, अब नही है-तो नही है
तुमने सब तो सिखाया है, ये भी सिखा दो।

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हमारे इश्क़ का लुत्फ़ यूँ हदों से गुज़र गया
कि अब तूँ सुधर गई अब मैं सुधर गया।

तो क्या तुम्हारे ख़त अब सहेज कर रख दूँ
उनमें हवा लगती है तो फड़फड़ाहट होती है।

तेरी ये हवाबाजी मुझे बड़ी लज़्ज़त देती है
झूठी मूठ ही सही पर तू मुझे इज़्ज़त देती है।

मेरी इतनी तसदीक करना भी अच्छा नही
मुझे समझना शुरू करो यकीन होने लगेगा।

कितनी बुरी बात है किसी को इंतज़ार कराना
तुम्हें इश्क तो होने दो गिन गिन के बदला लूँगा।

अगर फैसला मुझे लेना होता तो क्या बात थी
तो तूँ जहाँ है वहाँ न होती मेरी होती यहाँ होती।

मोहब्बत के लिये ख़ूबसूरत होने की कैसी शर्त
इश्क हो जाये तो सब कुछ ख़ूबसूरत दिखता है।

तुम्हारे प्यार का कैसा असर ये हो रहा मुझपर
कभी संतूर बजता है, कभी घुँघरु से बजते हैं।

मेरी ये बेकरारी ये बैचेनी सब तुम्हारे सदके है
पहले टोना करते हो फिर समझाईश देते फिरते हो।

ये नज़ारे चाँद घटा धनुक तेरा नूर लूट के मुस्तक़िल
मैं जो हो गया बदमाश क्या ये ज़हान ही बदमाश है

तुम्हारी मोहब्बत ने बंजर ज़मीं पर फूल खिला दिये
ज़माना हैरान है कि ये क्या हो गया ये कैसे हो गया।

तू तो अपनी बता मुझसे न पूछ कि प्यार कितना है
मैं तो तेरे लिए जान दे भी सकता हूँ ले भी सकता हूँ।

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