Love Gazals । दो रोमांटिक गज़लों की श्रृंखला । मोहब्बत से भरी दो गज़लें।

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    । ग़ज़ल-दर्द ।

प्यार अगर सच्चा हो जाये, दर्द तो होता है।
सब कुछ जब अच्छा हो जाये, दर्द तो होता है।
घूंघट अगर उठा लेता मैं, चांद हमारा होता
ख़्वाब अगर किस्सा हो जाये, दर्द तो होता है।

 

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तुझमें मैं था मुझमें तूँ थी, साँस साँस थी थिरकन
मन का जब हिस्सा हो जाये, दर्द तो होता है।
हमने बर्षों जतन से दिल को, रक्खा है सीने में
यह इसका उसका हो जाये, दर्द तो होता है।
छप्पर से आती थी पहले, उम्मीदों की खुश्बू
घर का छत पक्का हो जाये, दर्द तो होता है।
हमने पहाड़ों की सोहबत में,आसमान ही तौला
दिल छोटा बच्चा हो जाये, दर्द तो होता है।
सोच रहा हूँ ठीक नही है, इतना ग़ाफ़िल होना
मौलिक जब लुच्चा हो जाये, दर्द तो होता है।

 

     । ग़ज़ल- हमराह ।

इस तरह छोड़कर, कोई जाता है क्या
अपने हमराह को, यूँ सताता है क्या।
किस तरह से यकीं, आयेगा साफ़ कह
नाप कर-तौल कर, आजमाता है क्या।
मुझ पे इल्ज़ाम है, ज़ख्म मैंने दिये
आ दिखा दूँ तुझे, तूँ दिखाता है क्या।
चाँद भी रो दिया, मेरा गम देखकर
अपनी नासाज़ियाँ, तू सुनाता है क्या।
रातरानी बिछा दी है, पलकों तले
ये सनम ख़्वाब में, आज आता है क्या।
क्या किया याद भी, पूँछते हो बहुत
हाँ किया है बहुत, मुस्कराता है क्या।

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