Guest welcome Shayari – अतिथि स्वागत शायरी पार्ट 4 : मेहमान स्वागत शायरी, Guest Welcome poetry, chief guest welcome Shayari
Guest welcome Shayari – अतिथि स्वागत शायरी पार्ट 4 : मेरे सभी एंकर मित्रों को गणतंत्र दिवस की अग्रिम शुभकामनायें। गणतंत्र दिवस का राष्ट्रीय उत्सव अब बहुत ही करीब है और निश्चित रूप से हमारे ज्यादातर मित्रगण 26 जनवरी की एंकरिंग के कुछ assignments की तैयारियों में मशगूल होंगें। स्वागत शायरी का आज का यह स्वरचित article Guest welcome Shayari – अतिथि स्वागत शायरी पार्ट 4 आपके समक्ष प्रस्तुत है। आशा है कि इस आर्टिकल से आपको थोड़ी बहुत सहायता मिलेगी। धन्यवाद
Guest welcome Shayari
अतिथि स्वागत शायरी पार्ट 4
डूबतों के लिये मैं किनारा बनूँ
लड़खड़ाये हुओं का सहारा बनूँ
आपसे आज हमको मिली प्रेरणा
जिंदगीं में कभी आपसा मैं बनूँ।
आप आये यहाँ शुक्रिया मेहरबां
क्या कहें आपको हम हुये बेजुबाँ
यह सभा हर्ष से हो गई तरबतर
नूर से भर गया है ये सारा शमाँ।
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हार को जीत की इक दुआ मिल गई
तप्त मौसम में ठंडी हवा मिल गई
आप आये श्रीमान जी यूँ लगा
जैसे तकलीफ़ को कुछ दवा मिल गई।
मंच रौशन हुआ जगमगाहट मिली
हर्ष आनंद की खिलखिलाहट मिली
आपके आगमन से श्रीमान जी
हर किसी को यहाँ मुस्कराहट मिली।
ज्यों मरुस्थल में रंगीन गुल खिल गये
ज्यों समंदर में भटकों को तट मिल गये
हमको सानिध्य ऐसा लगा आपका
जैसे शबरी को उसके प्रभु मिल गये।
बड़ा उत्साह है सबमें, बड़ा रोमांच सबके मन
पुलक उट्ठा शमाँ सारा, खुशी से झूमता जन जन
बहुत आभार कहते हैं, बढ़ाया मान आकर के
हमारा कार्यक्रम को भव्यता दी, आपने श्रीमन।
आप तो एक पारस हैं, जो सोना पल में करते हैं
कुशल शिल्पी कहें पत्थर, सुघड़ मूरत में ढलते हैं
मिली सोहबत हमारे भाग्य हैं, श्रीमान जी आये
है अभिनन्दन हमारे मन, नमन वंदन को करते हैं।
सरल व्यक्तित्व में हमको, ख़ुदाई नूर दिखता है
मधुर वाणी अगर सुन लें, सुकूँ भरपूर मिलता है
फरिश्ते थे कभी हमने सुना था, बात सच निकली
हमें तो आपमें भगवान का, इक दूत दिखता है।
अगर गुमनाम है कोई, उसे इक नाम मिल जाये
मिले आशिष जिसे इनका, उसे पहचान मिल जाये
भला कैसे नहीं उसका मुक़द्दर, रँग बदलेगा
सुदामा को अगर जो आपसा, घनश्याम मिल जाये।
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Very nice Amit ji..
बहुत बहुत शुक्रिया आपका दीपिका जी। बहुत आभार
Sir kuch new line post kijiye please principal ke welcome ke liye
मुझे एक बेहतर मंच संचालन करने की जिज्ञासा है।
आपके कविता से मुझे मंच संचालन करने बहुत लाभ हुआ
महोदय बहुत बहुत आभार
जानकर बहुत खुशी हुई। आपका बहुत शुक्रिया मित्रवर
बहुत खुबसूरत है सर
बहुत बहुत शुक्रिया आभार सिंघ साहेब।।
आप की इस कविता से हमे मंच संचालन करने का अवसर मिला आप की कविता से हमे सम्मान और सौभाग्य प्राप्त हुआ आप का बहुत बहुत आभार
आप का छोटा भाई “आयुष अग्निहोत्री “
बहुत बहुत धन्यवाद आयुष जी। आपकी सराहना ने उत्साहवर्धन किया है। बहुत आभार
आपकी रचना कमाल की होती है और निस्संदेह हमें मंच संचालन में भी काफी मदद मिलती है
हार्दिक शुभकामनाएं।
बहुत बहुत धन्यवाद पवन जी। आप जैसे सुधि पाठकों से ही ऊर्जा मिलती है। बहुत आभार आपका।
bdhiya
धन्यवाद आपका।
बहुत खूब
बहुत बहुत धन्यवाद आभार संगीता जी।
mai first time anchoring krne wali hu
and i have no idea about it…
please help me, because it’s really important event, and it’s even more important to me
आदरणीया लारा जी, आप मेरे ब्लॉग के आर्टिकल्स स्क्रिप्ट्स आदि पढें। आपको पूर्ण मदद मिलेगी। यदि आप और अधिक गम्भीर हैं तो मेरी ebook ‘एंकरिंग का सुपरस्टार’ गूगल पर सर्च कर पढें। यह किताब नये एंकर्स के मार्गदर्शन के लिए लिखी गई है। इसमें दी गईं टिप्स & टेक्नीक्स से आप एंकरिंग में दक्ष हो जायेंगी ऐसा मेरा विश्वास है। धन्यवाद एवं शुभेक्षायें
बहुत लाजवाब शायरी।
बहुत बहुत धन्यवाद नरेश जी। बहुत आभार
I am happy to inform you that you have made it easy for Anchor to wellcome guest by hindi kavita in very simple way but with great pleasure.I am also playing my role in religious function in our jain cominity .Once again i thank you for your valuable dedication to all.
बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय। आपकी सराहना उत्साहबर्धन करने वाली है। मुझे जानकर ख़ुशी हुई कि आप स्वयं एक सफल एंकर हैं और आप जैन समाज के कार्यक्रमों में ख़ूब सक्रिय हैं। अच्छा लगा। आपको दिल से धन्यवाद आभार
भाई अमित जी आपकी रचनाओं के माध्यम से मंच संचालन में हमे जो मदद मिली है शब्दों में लिखना असंभव है। आपकी रचनाएं लाजवाब है।
अति सुन्दर रचना है मौलिक जी,
तहे दिल से शुक्रियाँ आपका आपकी कुछ और कृतियाँ पढ़ने को मिल जाएगी क्या?
यदि सम्भव हो तो कृपया कर आप हमे मेल करने का कष्ट करें!
धन्यवाद!!