साभार pixabay. com मीठे मीठे शहद सा, मीठा मीठा यार ना जाने कब हो गया, मीठा मीठा प्यार। बात बात में लड़ गये, नैनन से यह नैन झलकत है नैनन वही, सूरतिया दिन रैन। नैनन नैन समाये ना, नैन नैन खो जाय मौन मौन के बीच ही, बातें होतीं जाय। उँगली उँगली मिल गई, अंगुल
-चित्र साभार गूगल से- हाइकु जापानी काव्य विधा का एक छंद है जिसे आजकल बहुतायत में लिखा जा रहा है। हिंदी काव्य में हाइकु का प्रयोग एक अभिनव प्रयोग है और बहुचर्चित कवियों ने अपने काव्य लेखन में इस छंद को स्थान दिया है। केवल तीन पंक्तियों के छंद हाइकु में प्रथम पंक्ति में
जो पूरे होते हैं, वही अधूरे होते हैं। सुनो, तुम सुरमें का टीका भी लगाया करो। हुस्न वालों को ख़ुद की नज़र भी लग जाया करती है।। ये जो तुम जरा-जरा सी बात पर सोचने लग जाते हो हैरत है कि तुमने मोहब्बत करने की हिम्मत कैसे कर ली। तुम अपने काम से काम क्यों
अब कौन किसे रुला रहा है नादान नही हूँ सब जानता हूँ। इतना कम वक्त ऊपर से उनके झगड़े या खुदा रहम कर रहम कर रहम कर। तुमने मुझे आप कहा तो खुश हूँ बहुत इत्मीनान है तुम्हें मेरी कद्र अभी भी है। ये भी पढ़ें:- तड़पते दिल की दो मोहक ग़ज़लें चार पंक्तियों की
कभी मैं होश खो बैठूँ, कभी बेहोश तुम हो लो सदा तेरा रहा हूँ मैं, कभी तुम भी मेरी हो लो। समंदर सा मचलता हूँ, उफनती सी नदी बन कर कभी आगोश में आओ, कभी आगोश में ले लो। खुशी दे जाऊँगा तुझको, तेरे हर गम को सह लूँगा इशारे में तेरी पलकों की, कोरों
बेख़बर हो इसलिये मुआफी है जान के करते तो जान ले लेता। नादानियाँ इतनी भी बुरी नही होती ज़्यादा इल्म ही इनको बुरा बनाता है। तू जैसे चाहे मुझसे इंतकाम ले ले बस एक बार आजा फिर चाहे जान ले ले। अब तुम्हारे बहाने जायज़ लगने लगे हैं शायद इश्क एक मुकाम पर पंहुच गया।
तकलीफें सहन है साहेब बस कोई अपना न दे। ख़ुद को तुझमें मिला लिया है तुझसे मिलना छोड़ दिया अब। मेरे मेहबूब तेरी रहमतें देख मेरी आँख भर भर आती है हमारी गुज़ारिशें कम न हुईं तुम्हारी नवाज़िशें कम न हुईं। ये भी पढें-रोमांटिक शायरी ‘इश्क़ की आहट’ ये भी पढ़ें-प्यार में होने की
Love shayri in hindi font । love shayri for girlfriend क्यों महकती सुबह, मदभरी शाम है क्यों मेरी सांस पर, अब तेरा नाम है। इक ख़ुमारी यहाँ से, वहाँ तरबतर मैं परेशान हूँ, तू परेशान है। ये ज़मीं आ गई, आसमाँ आ गया चुप्पियाँ कह उठीं, शोर सा छा गया। बेखबर हो
अतिथि स्वागत शायरी फूल दरख्तों पर खिले हुये, कम ही देखे हैं हमने तो नज़र नज़र केवल, गम ही देखे हैं आप ऐसी तासीर, कहाँ से पाये हैं ज़नाब हमने हमेशा मुस्कराने वाले, कम ही देखे हैं। जगमोहन सी बातें करके, लूट लूट ले जाते हैं सौगातों की झोली भर कर, प्यार बांटते जाते
दिलों में बवाल होंठों पर सवाल रक्खो ज़माना टेढ़ा है तुम भी टेढ़ी चाल रक्खो आखिरी हिचकी है बाक़ी तू अभी रहने दे आखिरी दांव लगायेंगे लगाने वाले पूछ कर हाल बतायेंगे ज़माने भर को ये तमाशा भी बनायेंगे बनाने वाले हमने सूरज भी बनाया है जलाया बरसों वो चिरागों को हैं खैरात