फेयरवेल शायरी – विदाई शायरी की श्रृंखला में यह आर्टिकल फेयरवेल शायरी ( Farewell shayari ) पार्ट 2 आपके समक्ष प्रस्तुत है। लगभग सभी कॉलेज, स्कूल्स, कंपनीज़ और विभागों में सीनियर्स का retirement अथवा transfer होते रहते हैं। पुराने वरिष्ठों से आत्मीय लगाव स्वाभाविक होता है इसलिए उनका विछोह तकलीफ देह लगने लगता है। इसी आत्मीयता,
Guest welcome Shayari – अतिथि स्वागत शायरी पार्ट 4 : मेरे सभी एंकर मित्रों को गणतंत्र दिवस की अग्रिम शुभकामनायें। गणतंत्र दिवस का राष्ट्रीय उत्सव अब बहुत ही करीब है और निश्चित रूप से हमारे ज्यादातर मित्रगण 26 जनवरी की एंकरिंग के कुछ assignments की तैयारियों में मशगूल होंगें। स्वागत शायरी का आज का यह स्वरचित article Guest welcome
एंकरिंग शायरी – सभी एंकर मित्रों को अमित जैन ‘मौलिक, का यथायोग्य अभिवादन। दोस्तों, एकरिंग शायरी की बहुप्रतिसादित श्रृंखला में प्रस्तुत है एंकरिंग शायरी पार्ट 4 , आशा है कि सदा की तरह आपको यह प्रस्तुति अवश्य पसंद आयेगी। एंकरिंग शायरी – पार्ट 4 अपना मसीहा और प्रणेता बना लिया हरदिल अज़ीज़ और चहेता बना लिया
Guest welcome shayari – एक अच्छे मंच संचालन में Guest welcome shayari की बहुत आवश्यकता होती है। अतिथि स्वागत शायरी की श्रंखला में यह कड़ी आपको कैसी लगी, अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें। Guest welcome shayari अतिथि स्वागत शायरी आभार शायरी आपकी खुश्बू जग में फैले, यश उत्तंग हिम पर्वत हो यही दुआयें श्रीमान जी, आपकी आयु
ताली शायरी – एंकरिंग में एंकरिंग शायरी, गेस्ट वेलकम शायरी का जितना महत्व है उतना ही ताली शायरी का भी महत्व है। ज्यादा और बेहतर तालियों की ज़रूरत है तो ताली शायरी का भरपूर प्रयोग करें देखिये कार्यक्रम में किस तरह से जान आ जाती है। आज के इस आर्टीकल में आपके लिये प्रस्तुत हैं
धुन्ध ही धुंध थी पूरा आसमान, सर पे उठा रक्खा था एक बार हुज़ूर क्या कह दिया हमने, आतंक मचा रक्खा था हमने इक रोज़ इमदाद मांग कर, उनकी हवा ख़राब कर दी जिन्होंने खुद को बहुत बड़ा, सुल्तान समझ के रक्खा था। बिना दुश्वारी के बिना तकलीफों के ये नामुराद ख़्वाब कहाँ संवरते