भाषण की शुरुआत कैसे करें – सभी पाठकों को उड़ती बात की तरफ से हार्दिक अभिवादन। दोस्तों आज से पहले हम सबने ही भाषण की शुरुआत कैसे करें विषय पर बहुत सारे वीडियो देखे होंगे और लेख पढ़े होंगें। सभी दावे तो करते हैं, काफी कुछ मोरल भी बढाते हैं लेकिन ट्रिक्स कोई नहीं बताता।
जाने-अनजाने में मैंने अपने शब्दों से या व्यवहार से आपके निर्मल मन को कभी आहत किया हो-ठेस पहुंचायी हो तो मुझे नादान समझ कर क्षमा करें। —————————– एक मानव होने के नाते हम सब कहीँ ना नहीँ-कभी ना कभी अहम्, द्वेष, अहंकार, दुश्मनी, वैमनस्य जैसे मानवीय अवगुणों से चाहे अनचाहे ग्रसित हो
मित्रों, आज के इस लेख में हम चर्चा करेंगे कि एक अच्छी प्रेस विज्ञप्ति कैसे लिखें। प्रेस विज्ञप्ति का प्रारूप कैसा होना चाहिये। एक सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रेस विज्ञप्ति लिखने के नियम क्या होते हैं। मित्रों, हमारा देश उत्सव, जश्न, आयोजनों के लिये विख्यात है। देश मे सामाज़िक विभिन्नता अवश्य है लेकिन
इक दीप जलाकर कर श्रद्धा का, भीगी भीगी सी अंखियाँ कुछ । कुछ विनत भाव कुछ ह्रदय चाव, आज़ाद पार्क क़ुछ जलियाँ कुछ। बिस्मिल का दिल मन भगतसिँह, रग-रग में राजगुरु हों कुछ। आओ कर लें उस जज़्बे को, अर्पित फूलों की कलियाँ कुछ।। स्नेहिल स्वजनों, जय हिंद-वंदे मातरम।। वक्त आ गया कि
मंच पर विराजमान आज के कार्यक्रम अध्यक्ष…….जी, माननीय विशिष्ट अतिथि……….जी एवम प्रिय देशवासियों। आप सबको आज़ादी के पर्व स्वन्त्रता दिवस की ह्र्दय से बहुत-बहुत बधाईयां-शुभकामनायें प्रेषित करता हुँ। मित्रों, आज हम आज़ादी के पावन महोत्सव को मनाने के लिये एकत्रित हुये हैं। आज हम तिरंगे को और उत्तंग ऊँचाई पर स्वच्छन्दता से फहराने के लिये
दो हंसो की जान को कलियों सी मुस्कान को उसने जन्नत से भेजा करने अच्छे काम को। कहते हैं जोड़ियाँ तो जन्नत में तय होती हैं। ये आधा सच लगता है। जन्नत में महज़ जोड़ियाँ ही नही तय होतीं, उनके किरदार भी तय होते हैं। उनके उत्तरदायित्व, उनके कर्तव्य, उनकी कर्मभूमि ही
रंग बिरंगी दुनिया लाये, संग उमंगों के संजोग लाल हरे कुछ नीले पीले, नारंगी मतवाले लोग होली पर खुशियां भी होलीं, छैल छबीलीं गुलनारीं खुशियों वाले रंग लगाने, आये हैं दिलवाले लोग स्नेही स्वजनों, आप सबको होली की रंग भरी शुभकामनायें.. मित्रो, रंगों का खूबसूरत कारवाँ किसे नहीं लुभाता। रंगों का निर्माण
आभार शायरी – सभी मंच संचालक मित्रों को स्नेहिल अभिवादन। मंचीय प्रस्तुतिकरण में अगर कोई सबसे महत्वपूर्ण क्रम होता है तो वो होता है अतिथियों का स्वागत क्रम। इस आर्टीकल आभार शायरी में अतिथि स्वागत शायरी एवम Gratitude shayari का प्रथम collection आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ। आशा है इससे आप सबको कुछ सहायता
‘देखो नभ मे उड़े पतंग, भरते नीलगगन मे रंग देखो यह बसन्त मस्तानी, आ गई है ऋतुओ की रानी’ स्नेहिल सदस्य सखियो, जिस प्रकार से हर वर्ष वसंत ऋतु उमंग एवम उल्लास की सौगातें ले कर आती हैं उसी प्रकार से इस बार भी वसंत का शुभागमन हुआ है और हम
लहर लहर अठखेली होगी उमग उमग भीगेंगे कल कल करती जलधारा से चहल चुहल कर लेंगे चटपट चटक चाट खा करके भजियों का सुख लेंगें टोली में करके जलक्रीड़ा बचपन को जी लेंगे ग्रीन क्लब के हम सब साथी वॉटर पार्क चलेंगे भिड़ जायेंगे सूरज से भी मस्ती बहुत करेंगे प्रिय सदस्यगण, जब सम्पूर्ण अवनी