आभार शायरी – सभी मंच संचालक मित्रों को स्नेहिल अभिवादन। मंचीय प्रस्तुतिकरण में अगर कोई सबसे महत्वपूर्ण क्रम होता है तो वो होता है अतिथियों का स्वागत क्रम। इस आर्टीकल आभार शायरी में अतिथि स्वागत शायरी एवम Gratitude shayari का प्रथम collection आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ। आशा है इससे आप सबको कुछ सहायता
Draft-A स्नेहिल स्वजनों, आज पुनः यह कहते हुए प्रसन्नता हो रही है कि हमारे बार्षिक कार्यक्रमो का एक बड़ा आयोजन…………………….का कार्यक्रम सफलता का एक बड़ा इतिहास बनाते हुए सम्पन्न हो गया है। कितनी भी ऊहापोह रही परन्तु मुझे अपने ग्रुप के कर्मठ पदाधिकारियों, कार्यकारिणी एवम प्रतिबध्दत कार्यकर्ताओ पर कभी भी संदेह
स्नेहिल सदस्यगण, आज मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही कि हमारी संस्था…………………..का बड़ा आयोजन प्रतिवर्ष एक सामूहिक बड़ी यात्रा का आज सुखद समापन हो गया है। पूर्व नियोजित योजना, एक अप्रतिम स्थान का चयन, एक बड़ा होमवर्क, विशिष्ट पूर्व तैयारियाँ एवम सभी गणमान्य दम्पति सदस्यों की सुविधा एवम सुगमता का ध्यान रखना ऐसे विभिन्न प्रकार
हमारे संचालक द्वय………………….जी और……………………जी को बहुत बहुत धन्यवाद। मंचासीन गण मान्य विभूतियों को समर्पित इन चार पंक्तियों के साथ मै अपनी बात शुरु करना चाहूंगा कि. . ‘कहाँ हैं ऐसे लोग जो निस्पृह रण में जूझने जाते हैं परहित में निजहेतु त्यागकर प्यार बाँटते जाते हैं आशाओं के पुष्प पल्लवित होते इन्हीं मालियों
‘ श्याम सलोने राधा गोरी बरसाने का हुल्लड़ था रंग रंगीले फगुआ होली शहरों वाला अल्हड़ था जब रंग बरसा झूम गये सब धूम मची थी नगरी में भक्त मगन थे पी के नाचे अमृत वाला कुल्हड़ था अभी तक एक स्वप्न सा प्रतीत होता है कि होली मिलन का कार्यक्रम इतना अभिनव एवम