15 अगस्त की एंकरिंग स्क्रिप्ट । Independence Day Anchoring script । 15 अगस्त की मंच संचालन स्क्रिप्ट । स्वतंत्रता दिवस की मंच संचालन स्क्रिप्ट
क्रम 1- Intro-entry-भूमिका
एंकर मेल-
दृढ़ता हो लौह पुरुष जैसी, कुछ भगत सिंह सी मस्ती हो
नेताजी जैसा ओज मिले, आज़ाद के जैसी हस्ती हो।
उधम का उधम दिल बिस्मिल, मंगल पांडे का ताव मिले
हे ईश्वर जन्म दुबारा दो तो, भारत माँ की छांव मिले।।
स्वतंत्रता दिवस की इस पावन बेला पर सभी लोग मेरे साथ एक बार ज़ोरदार आवाज़ में कहेंगे भारत माता की……., भारत माता की……., वंदे……., वंदे……..। बहुत बहुत शुक्रिया, धन्यवाद।।
मित्रो, वो ऐसी कौन सी माँ होगी जो अपने बच्चों के ऐसे असीम नेह को, ऐसी मातृ भक्ति को देखकर निहाल न हो जाये।
एंकर फीमेल-जी हाँ प्यारे देशवासियों। दुनिया मे एकमात्र भारतीय संस्कृति ही है, जहाँ बचपन से ही संस्कार देकर बच्चों को यह सिखाया जाता है कि ‘जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी’ अर्थात जन्म देने वाली माँ और जन्मभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर होती है। यह महज संस्कारों का ही विषय नहीं है, यह हमारी आस्था और मातृत्व ऋण में विश्वाश रखने वाली हमारी सांस्कृतिक विशेषता है।
एंकर मेल-और माँ तो माँ होती है। प्यारी, ममता से भरी हुई, दुलार करने वाली।।। महान कवि श्री बंकिम चंद चट्टोपाध्याय जी ने कितने अच्छे से वर्णित किया है माँ को…
शुभ्रज्योत्स्ना पुलकितयामिनीम्,
फुल्लकुसुमित द्रुमदलशोभिनीम्,
सुहासिनीम् सुमधुरभाषिणीम्,
सुखदाम् वरदाम् मातरम्। वन्दे मातरम्।।
ये भी पढ़ें-गणतंत्र दिवस की मंच संचालन स्क्रिप्ट
ये भी पढ़ें-मंच संचालन करने के 10 महत्वपूर्ण नियम
एंकर मेल-क्या सुंदर बात कही आपने। सच मे दुनिया में एकमात्र माँ ही होती है जो सदा ही सुख देती है। इसलिये ही माँ को सुखदायिनी तथा वरदायिनी कहा जाता है। मेरा तो लहज़ा कांप उठता है यह कहते हुये कि हमारी धन धान्य से भरी हुई वरदायिनी भारत माँ पर व्रिटिश हुक़ूमत ने अपनी कुदृष्टि डाली और 200 साल तक हमारी भारत भूमि को परतन्त्र रखा।
निश्चित रूप से कई कारण रहें होंगे जो वो ऐसा करने में सफल रहे लेकिन यत्र तत्र ही नही, पूरे देश में भारत माँ के स्वाभिमानी बेटे, इस संकट को दूर करने के लिये अपनी जान पर खेलते रहे और लड़ते लड़ते शहीद हुये। और अन्तोगत्वा हमें पुनः एक आज़ाद वतन में स्वाभिमान के साथ सांस लेने का सौभाग्य मिला।
एंकर फीमेल- ऐसे ही भारत माँ के सच्चे सपूतों को हम आज नमन कहने के लिये एकत्रित हुये हैं। ऐसे महान सपूतों की देश भक्ती को समझने के लिये शकील बदायूंनी साब ने फ़िल्म लीडर में कितना ख़ूबसूरत गीत लिखा है कि-
अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ लुटा सकते नहीं
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं।।
जोरदार तालियाँ हमारे ऐसे बेमिसाल ज़ज़्बे के लिये, ज़ोरदार तालियाँ हमारे अमर शहीदों के लिये, जोरदार तालियाँ आज के दिन के लिये जिस दिन हम आजाद हुये थे, ज़ोरदार तालियाँ आप सब के लिये जो आप सब के रिश्तेदारों, नातेदारों, परदादाओं ने आज़ादी की इस जंग में भाग लिया और हमें पुनः खुली हवा में गर्व के साथ ज़ीने का अवसर दिया।
आज के इस आज़ादी के जश्न में मैं काव्या तिवारी, हमारे कॉलेज……….. की ओर से आप सबको स्वतंत्रता दिवस की बधाइयाँ प्रेषित करतीं हूँ-आपका स्वागत करती हूँ।
एंकर मेल- बहुत बहुत धन्यवाद काव्या, बिल्कुल सही कहा। और आपने बधाई दी है तो हम भी आज के पवित्र अवसर पर कसम उठाते हैं कि-
जब बात देश की आयेगी हम जान न्योछावर कर देंगें।
जब रुत आयेगी मरने की हम कफन तिरंगा कर लेंगें।
है ना मित्रों। तो आइये हम अपने शहीदों को नमन करते हैं और भारत की रक्षा और अक्षुण्णता के वादे और कसम के साथ आज़ादी के इस महोत्सव में डूब जाते हैं।
मैं यशवंत सिंह हमारे कॉलेज………..की तरफ से आज के इस पवित्र आयोजन में पधारे सभी गण मान्य नागरिकों, मंच पर विराजित हमारे मुख्य अतिथि हमारे नगर के गौरव प्रसिद्ध उद्योग पति एवम समाजसेवी श्रीमन …….. जी, विशिष्ट अतिथि……… संस्था के अध्यक्ष श्रीमन………जी, आज के कार्यक्रम अध्यक्ष वरिष्ठ समाजसेवी विद्वान साहित्यकार श्रीमन……..जी एवम हमारे परम आदरणीय प्राचार्य महोदय श्री डॉ………….जी को, हमारे कॉलेज के समस्त गुरुजनों को एवम सभी देशभक्त साथियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाइयाँ देते हुये उनका हार्दिक-हार्दिक स्वागत करता हूँ।
क्रम 2-झंडा वंदन
एंकर फीमेल- जी बिल्कुल यशवंत जी। चार पंक्तियों हमारे अतिथियों और पधारे सभी गणमान्य देशवासियों के नाम करके कार्यक्रम को आरम्भ करना चाहती हूँ कि..
अमर शहीदों को सर झुकाने आये हैं
जय हिंद जय भारत कहने आये हैं।
उन सभी का आज दिल से स्वागत है
जो प्यारे तिरंगे को फहराने आये हैं।।
ये भी पढ़ें-देशभक्ति शायरी
ये भी पढ़ें-देशभक्ति कविता देश का हाल
एक बार ज़ोरदार तालियाँ आप सब अपने लिये बजा दीजिये। धन्यवाद। मित्रो, जैसी की परंपरा है सर्व प्रथम ध्वज वंदन होगा। मैं तिरंगा रोहण के लिये आज के मुख्य अतिथि श्रीमन…….जी से अनुरोध करती हूं कि वो ध्वजा रोहण के ओजस्वी क्रम को पूर्ण करें।
एंकर मेल-जी हाँ काव्या, समय आ गया हमारे गर्व का प्रतीक हमारे राष्ट्र ध्वज तिरंगा को फहराने का। मैं हमारे कॉलेज की क्लास……..की छात्राओं ………….से और ………….से अनुरोध करता हूँ कि वो आयें और ध्वजारोहण के समय राष्ट्रगान करें।
(तिरंगा वंदन-ध्वजारोहण समापन)
एंकर फीमेल-ज़ोरदार आवाज़ में-भारत माता की…….., भारत माता की…………, वंदे………, वंदे………..। सभी लोग यथा स्थान विराज जायें। धन्यवाद।
मैं अपने मुख्य अतिथि से भी अपने स्थान पर विराजित होने का अनुरोध करती हूँ। ज़ोरदार तालियाँ ध्वजारोहण के लिये और हमारे chief guest के लिये।
एंकर मेल- आज के आज़ादी के पवित्र पर्व पर मैं आप सबसे कुछ ख़ास आह्वान करना चाहता हूँ। मैं आज यहाँ मौज़ूद देश के एक एक बेटा बेटी को देशभक्ति के सैलाब में बहाना चाहता हूँ। मैं चार पंक्तियों के साथ अपने ईश्वर अल्लाह प्रभु से कुछ ख़ास प्रार्थना करना चाहता हूँ।
मेरा आप सबसे विनम्र निवेदन है अगर मेरी पंक्तियाँ आपको झिंझोड़ दें, आंदोलित कर दें, आपके मन में मातृभूमि के प्रति प्रेम जागृत कर दें, तो जब मेरी पंक्तियाँ समाप्त हों, तब इस सभा मे उपस्थित भारत माँ का एक-एक बेटा बेटी हमारी शान आन बान का प्रतीक हमारे तिरंगे के सम्मान में, और देश पर शहीद हुये हमारे अमर शहीदों के सम्मान में 10 सेकंड तक अपने दोनों हाथ ऊपर करके एक साथ तालियों की गड़गड़ाहट करेंगें। देश का प्रत्येक नागरिक भारत माँ को एक साथ नमन करेगा। पंक्तियाँ कहता हूँ-
उत्तर में तुंग हिमालय हो, पावन बहती इक गंगा हो
ज़न्नत दिखलाये काश्मीर, शिक्षा देता नालंदा हो।
हे ईश्वर जन्म दोबारा दो, तो भगतसिंह सुखदेव बनूँ
बस वतन हो हिंदुस्तान मेरा, हाथों में यही तिरंगा हो।।
एंकर फीमेल-दोनों हाथ उठाकर ज़ोरदार तालियाँ। वंदे…….., वंदे…….., वंदे……….।
बहुत बहुत धन्यवाद आप सभी को। वाकई आज मुझे भरोसा हो गया कि जिस देश के नागरिक ऐसी मातृभक्ति से भरे हों उस देश का कोई बाल भी बाँका नही कर सकता।
क्रम 3-दीप प्रज्ज्वलन
तो आइये आज के आयोजन को गति देते हैं। मित्रो हमारी भारतीय परंपरा में किसी भी शुभ आयोजन के पहले मंगल ज्योति प्रज्ज्वलित करके सर्व मंगल की कामना की जाती है। मैं इन पंक्तियों के माध्यम से हमारे आज के मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि, कार्यक्रम अध्यक्ष जी एवम प्राचार्य महोदय जी से अनुरोध करती हूँ कि वो आयें एवम माँ भारती और माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन का पवित्र क्रम पूर्ण करें। पंक्तियाँ कहती हूँ कि…
सुख के-दुःख के सब रंग तेरे, हम क्या समझें हम क्या जाने
जब डोर तुम्हारे हाथ में है, फिर क्या संशय क्यों घबड़ायें।
इक ज्योति जले जलती ही रहे, नस नस में तेरी कृपा बहे
जिस रंग में रंगना हो रंग दो, किस रंग हो तुम हम क्या जानें।।
ये भी पढ़ें-दीप प्रज्ववलन शायरी । स्वागत शायरी
ये भी पढ़ें-माँ सरस्वती वंदना । स्वागत गीत
(दीप प्रज्ज्वलन क्रम का समापन)
मेरी नई देशभक्ति की शायरी का वीडियो देखना ना भूलें। पसंद आये तो चैनल को सब्सक्राइब अवश्य करें। यह पूर्णतः फ्री है –
आंगे पढ़ने के लिए पेज 2 पर क्लिक करें जिसकी लिंक पोस्ट के नीचे दी गई है-
मै,श्रीकांत जयसवाल , TGT शिक्षक ,देवघर झारखंड का रहने वाला हूँ । आए दिन मुझे मंच संचालन का मौका मिलते रहता है और मै आपके व्यक्त्व को भी बारीकी से अध्ययन करते हुये कभी कभी उपयोग करता हूँ इसके लिए हम
आपको नमन करता हूँ ।
श्रीकांत भाई बहुत बहुत आभार। हमारे लेख आपके लिये और ज्यादा कैसे सहायक हों, अवश्य बताइयेगा। शुक्रिया आपका।
बहुत ही अच्छा लेख हैं
बहुत बहुत शुक्रिया प्रेम जी। आपकी सराहना से मनोबल बढ़ा। आभार
सर जी नमस्ते!
सर जी मैं एक अध्यापक हूँ
स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में
माईक संचालन कर रहा हूँ
वो भी पहली बार कोई लेख हो तो
मेरे नम्बर पर भेजने की कृपा करें
9983704455
हमारे स्कूल का स्वर्ण जयंती समारोह है।मैं एक पूर्व छात्रा हूं।
सांस्कृतिक कार्यक्रम का संचालन मुझे दिया गया है। कृपया इससे संबंधित स्करिप्ट में मेरी मदद करें।
आप मंच संचालन के 10 नियम, मंच संचालन स्क्रिप्ट, शिक्षक दिवस की मंच संचालन स्क्रिप्ट आदि पोस्ट पढें। आपको अवश्य मदद मिलेगी। आभार आपका
‘उड़ती बात ‘ के नगमों को पढ़कर मंच संचालन के अंदाज़े बयां को आपसे सीखा है…….
मेरी कई मुश्किलें आपने हल कर दीं
अल्लाह आपको रौशन करे …..
आपका बहुत बहुत शुकराना दोस्त। बहुत बहुत आभार। ऐसे ही हिम्मत बढ़ाते रहें। जय हिंद
बहुत ही सुंदर आपने एक रूपरेखा या मैं कहूँ की प्रस्तावना आपने तैयार किया है सर जी,, आपका आभार….. अभिनंदन है।
बहुत बहुत धन्यवाद वैभव जी। ऐसे ही मनोबल बढ़ाते रहें। बहुत आभार। जय हिंद
आपके लेख से मुझे बहुत मदद मिलती है
धन्यवाद
बहुत बहुत धन्यवाद आभार आदरणीय पाल साहेब। जय हिंद
plz independencey day enkring ka lekh send kre, for a teacher first time (independence day)
उड़ती बात पर तो एंकरिंग स्क्रिप्ट्स तथा एंकरिंग के लिए सहायक सामग्री का भंडार है।
आप ढूंढें निराश नहीं होंगें।
अगर आप और ज्यादा सहायता चाहते हैं तो मेरी ईबुक ‘Anchoring ka superstar’ ख़रीद कर पढें। आप एक सफल प्रस्तोता बन जाएंगे।
सर जी बहुत ही खूबसूरती से आपने इसे अंजाम दिया है। यह निश्चित रूप से किसी भी नए एंकर को स्टार बना सकती है।
Mind blowing Amit ji…….ok accept my sincere gratitude to you….I was searching a beautiful script for independence day… your script is ultimate, I am speechless. I don’t have words to appreciate your well defined sentences….tons of thnx….God bless you 🙏
amit ji your voice is very charming.