शिक्षक दिवस पर कविता । शिक्षक दिवस पर दोहे । teachers day poem in hindi
सद्गुरु के उपकार को, कोउ चुका न पाय
रंग चोखो लग जात है, उतरे न उतराय।
पिता जन्म देता महज़, कच्ची माटी होय
गुरुजनों के शिल्प से, मिट्टी मूरत होय।
अवगुण कुमति निहार के, गुरु देवें मुस्काय
ज्यों लख उत्तम शिला को, शिल्पकार हर्षाय।
अंधकार चहुँ दिशि घना, रात अमावस आय
रवि सम सतगुरु देत हैं, अंधकार विनशाय।।
ये भी पढ़ें-शिक्षक दिवस के कार्यक्रम का आमंत्रण ड्राफ्ट
मूढ़ महा मति हीन भी, वाल्मीकि सा होय
सच्चे गुरु की कृपा से, लोहा पारस होय।।
कच्ची माटी सौंप दो, गुरुजनों के हाथ
जड़ बुद्धि चेतन करें, कुंदन सम निस्वार्थ।
शिक्षा के मोती सदा, गुरुजन रहत लुटाय
शिष्य लूट कर संपदा, योग्य बनें यश पाय।
गुरु की महिमा अगम है, सुगम करें संधान
गुरु वशिष्ठ के बिन कहाँ, राम कहाते राम।।
सांदीपनि की छाँव में, पाकर के आशीष
ग्वाले ने गीता रची, बने द्वारिकाधीश।।
अतिशय गुरु का देखिये, छवि लख के अभ्यास
एकलव्य की श्रेष्ठता, अर्जुन से थी ख़ास।।
गुरु का ज्ञान अगाध है, मौलिक लइयो सीख
ना सीखे तो भटकियो, सहो ढेर तक़लीफ़।।
Share this:
Related Posts
Matdaata jaagrukta par kavita-मतदाता जागरूकता पर हिंदी कविता । जागो मतदाता जागो पर कविता। देशभक्ति कविता
रबीन्द्रनाथ टैगोर पर कविता – रविंद्रनाथ टैगोर पर कविता , रबीन्द्रनाथ टैगोर जयंती पर कविता, rabindranath tagor poem in hindi
हिंदी दिवस शायरी – हिंदी दिवस पर शायरी, Hindi Diwas shayari in hindi 2018
About Author
Amit Jain 'Maulik'
मैं एक कवि, लेखक एवम एंकर हूँ । 'उड़ती बात' के माध्यम से मैंने स्वरचित रचनायें आपके समक्ष प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। आपसे विनम्र अनुरोध है कि अपनी बहुमूल्य प्रतिक्रिया एवम सुझाव अवश्य दें जिससे हम जैसे नव रचनाकारों का मनोबल बढ़े एवम उड़ती बात के स्तर में गुणात्मक अभिबृद्धि हो..
Interesting