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क्र.2 मंगलाचरणः

दोस्तों, प्रत्येक संस्कृति की एक विशेषता होती है। हमारी जैन संस्कृति में किसी भी शुभ आयोजन के पहले हमारे इष्ट से मंगलकामना की परंपरा है। आइये आज के इस महोत्सव की शुरूवात के पहले हम अपने ईष्ट से, एवम माँ सरस्वती से मिलकर प्रार्थना करते है..

कि हमारे हृदय में कोई शंक न हो, कोई पंक न हो, कोई द्वंद न हो, कोई दंभ न हो, हे प्रभु, हे माँ , केवल और केवल आपकी वंदना रूपी पवित्र भावना हमारे उर में हो, हमारे अधरों पर हो।
मै तो कहूँगा कि…..

दुनिया से बाजी जीतकर मशहूर हो गये
इतना मुस्कुराये कि दुख सब दूर हो गये
हम काँच के थे दुनिया ने हमको फेंक दिया था
महावीर के चरणों में आये तो कोहिनूर हो गये।

तो चलिये ऐसी ही मंगल कामना के साथ हम मंगलाचरण का यह क्रम आरंभ करते हैं ।

मैं मंगलाचरण के प्रतिभागियों को मंच पर बुलाना चाहता हॅूं कि वो आयें और मंगलाचरण का शुभारंभ करें।

प्रतिभागी
1…………………       2…………………

जोरदार तालियों के साथ इस ओजमयी मंगलाचरण की पवित्र भावना का अनुमोदन करेंगे। बहुत ही ऊर्जामई प्रस्तुति। मंगलाचरण के प्रतिभागियों को बहुत बहुत धन्यवाद।

मैं इन पंक्तियों के माध्यम से मंगलाचरण के इस पवित्र क्रम का समापन करना चाहता हॅूं कि……..

कौन कहता है कि मेरा ईश्वर प्यार नहीं करता
प्यार तो करता है, प्यार का इजहार नहीं करता
मैनें देखा है उसके दर पे माँगनें वालों को
मेरा ईश्वर कभी भी देने से इनकार नहीं करता 

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क्र.3 स्वागत नृत्य-

दोस्तों, जैसे कोई बाग बिना बागवां के अर्थहीन होता है, जैसे कोई शरीर बिना आत्मा के प्राणहीन होता है, वैसे ही एक उत्सव, गुणीजनों, समाज के वरिष्ठ जन एवं महान सख्सियतों के प्रेरणादायी सानिध्य के बिना निष्प्राण हो जाता है।

बहुत ही प्रसन्नता से मैं बताना चाहता हॅूं कि हमारे बीच में आज ऐसे विराट व्यक्तित्व मौजूद हैं जिन्होंने अपनी अभिनव सोच, अपने कुशल नेतृत्व एवं रचनात्मक पहल से अपने शहर ही नहीं, अपने प्रदेश ही नहीं बल्कि देश और दुनिया को ऋणी कर दिया।

इन विशिष्ट जनों के गरिमामयी सानिघ्य से यह प्रेक्षागृह ऊर्जामयी हो गया है, आनंदमयी हो गया है। मैं सब विभूतियों का तहे दिल से स्वागत करता हॅूं, वंदन करता हॅूं, अभिनंदन करता हॅूं।

मित्रों, हमारा यह क्रम हमारे गणमान्य अतिथियों के स्वागत का है, मैं हमारी स्वागत नृत्य की प्रतिभागी नंदिनी को मंच पर स्वागत नृत्य के लिए आमंत्रित करता हॅूं।

बहुत ही शानदार प्रस्तुति, नंदिनी के लिए एक बार जोरदार तालियां  बजा दीजिए ।

दोस्तो आप सब लोगों से अनुरोध है कि यह तालियों की गड़गड़ाहट का सिलसिला टूटना नहीं चाहिये। हमारे ग्रुप के प्रतिभागियों ने अथक परिश्रम करके महज 10 दिनों में इस भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम की अद्भुत तैयारी की है ।

हमारे प्रतिभागी कोई पेशेवर कलाकार नहीं है ये तो हमारे ही मध्य के हमारे ही ग्रुप के परिवारों का हिस्सा हैं। केवल और केवल आपकी तालियों की गड़गड़ाहट ही उनका अवार्ड है जो कि उनका मनोबल बनाये रखेगी।

खुशियों पर मौज की रवानी रहेगी
जिंदगी में कोई न कोई कहानी रहेगी
हम यूं ही कार्यक्रम में चार चांद लगाते रहेंगे
अगर आपकी तालियों की मेहरबानी रहेगी।

तो एक बार जोरदार तालियॉं बजा दें हमारे प्रतिभागियों के लिए

क्रम-4 अतिथि मंच आमंत्रण

दोस्तों, किसी भी शुभ आयोजन में मंगलाचरण के पवित्र उच्चारण के बाद मंगल ज्योति प्रज्जवलित करने का सुनिश्चत क्रम होता है। हम दीप प्रज्जवलन इसलिए करते हैं की हमारे अंतर के कलुष, वातावरण की नकारात्मकता, शंकाओं एवं संदेहों का अंधकार समाप्त हो जाये।

कार्यक्रम का यह क्रम दीप प्रज्जवलन का है मैं दीप प्रज्जवलन के लिए अपने अतिथियों को मंच पर आमंत्रित करना चाहॅूंगा ।

और आज बहुत ही प्रसन्नता वाली बात है कि हमारे मध्य हमारे मुख्य अतिथि………………………………. के प्रबंध निदेशक माननीय श्री………………. मौजूद हैं।

मैं दो पंक्तियाँ मुख्य अतिथि जी के शानदार व्यक्तित्व को अर्पित करते हुये उन्हें दीप प्रज्जवलन के लिए मंच पर आमंत्रित करना चाहता हॅूं कि – 

इत्र से कपड़ो को तो सभी महका लेते हैं
आपके तो किरदार से भी खुष्बू आती है।। 

जोरदार तालियों के साथ हमारे मुख्य अतिथि का स्वागत करेंगे।

मैं ………………………………………………………..से अनुरोध करूंगा कि हमारे मुख्य अतिथि जी को मंच तक लेकर आयें।

अब मैं जिस बड़ी हस्ती को आमंत्रण देना चाहता हॅूं उनके बारे में कुछ ज्यादा न बोलते हुए में यह चार पंक्तियों उनके विराट व्यक्तित्व को समर्पित करना चाहता हॅूं मुझे पूर्ण विश्वाश है आप सब उस खास हस्ती के बारे में समझ जायेंगे कि –  

ये हुनर ये रहनुमाई, ऐसी सादगी
की कैफियत नहीं देखी
किरदार तो बहुत देखे हैं जमाने में
मगर आप जैसी शख्सियत नहीं देखी 

जी हाँ दोस्तो सही पहचाना, हमारे हरदिल अजीज, हमारी खास डिगनिटी आज के विशिष्ट अतिथि श्री……………………………… हमारे मध्य हैं कृपया उनका जोरदार तालियों के साथ स्वागत करें।

मैं हमारे ग्रुप के ……………………………………………….. से अनुरोध करूंगा की माननीय………………जी को दीप प्रज्जवलन के लिए मंच पर लेकर आयें।

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दोस्तों अब मैं आज के कार्यक्रम के अध्यक्ष को दीप प्रज्जवलन के लिए मंच पर आमंत्रित करना चाहता हॅूं।

मित्रों हमारे कार्यक्रम अध्यक्ष एक ऐसे विराट व्यक्तित्व के धनी ऐसी शानदार शख्शियत जिन्होंने हमारे समाज को, हमारे शहर को हमारे प्रदेश को एक सकारात्मक दिशा दी है।

यह दो पंक्तियॉं उनको समर्पित करते हुए दीप प्रज्जवलन के लिए मंच पर आमंत्रित करना चाहता हूँ…..

कुछ चेहरे यूं ही नहीं मुस्कुराया करते
रंग बसंती वो यूं ही नहीं उड़ाया करते ।
बड़ी जिम्मेदारी है सारा जहाँ महकाना
कुछ फूल दुनिया में यूँ ही नहीं आया करते ।

जी हाँ दोस्तो सही पहचाना, वह खास व्यक्तित्व, वह बड़ी शख्शियत हमारे ही बीच के हमारे ही शहर के विराट व्यक्तित्व………………. जी हैं जो की ……………………..हैं। जोरदार तालियों के साथ उनका स्वागत करेंगे, अभिनंदन करेंगे ।

मैं………………………………………………………. से अनुरोध करता हॅूं कि………………… को मंच तक लेकर आयें। 

क्रम-5 दीप प्रज्जवलन

दोस्तो दीप प्रज्जवलन का शुभ मुहूर्त आ गया है। हमारी गणमान्य हस्तियां मंच पर आ गई है मैं इन चंद पंक्तियों के माध्यम से अपने ग्रुप के पदाधिकारियों से अनुरोध करता हॅूं कि वो हमारी डिगनिटीस् से दीप प्रज्जवलन की पंरपरा का शुभारंभ करें कि.. 

निगाहों में मंजिल थी गिरे
और गिरकर संभलते रहे
हवाओं ने बहुत कोशिश की मगर
चिराग आंधियों में भी जलते रहे 

क्रम-6 अतिथि स्वागत

मित्रों शुभ ज्योति के ओजमयी प्रज्जवलन के बाद हमारे कार्यक्रम का क्रम अतिथि स्वागत की ओर जाता है। मैं इन पंक्तियों के माध्यम से इस अतिथि स्वागत के क्रम को आरंभ करना चाहूंगा…. 

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