मंच संचालन स्क्रिप्ट-गणतंत्र दिवस। manch sanchalan script- Republic Day

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एंकर मेल-वाह संपदा जी (एंकर फीमेल) कव्वाली की तो बात ही अलग होती है तो शीघ्र सुनवाइये। 

 

एंकर फीमेल– तो लीजिये साथियो एक मधुरतम कव्वाली की प्रस्तुति ‘है अगर दुश्मन-दुश्मन ज़माना गम नहीं-गम नहीं’ जिसे लेकर आ रहें हैं हमारे प्रतिभागी 1……, 2………., 3………., 4………, 5………. 

 

एकदम सुरीली एवम जोशीली प्रस्तुती। एक बार जोरदार तालियां हमारे प्रतिभागियों के लिए। 

 

एंकर मेल-

यह तन तेरा दिल मन तेरा,
ऐ वतन कहो तो मैं मर जाऊं
जब रुत आये मर मिटने की,
तो कफ़न तिरंगा कर जाऊं

ऐसी ही वतनपरस्ती की तमन्ना लिये मैं अपने सभी देशबासियों को गणतंत्र दिवस की पुनः बहुत बहुत बधाइयाँ देता हूँ। जय हिंद। 

 

एंकर फीमेल– बहुत बहुत धन्यवाद अंकुर और बहुत बहुत धन्यवाद सभी वतन परस्तों का। मैं हमारी संस्था/स्कूल/कॉलेज के अध्यक्ष/प्राचार्य महोदय से निवेदन करती हूँ कि वो मंच पर अपने चंद उदगार व्यक्त कर इस उत्सव के समापन की घोषणा करें। बहुत बहुत धन्यवाद। जय हिंद।

 

 

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