देशभक्ति शायरी – देशभक्ति मंच संचालन शायरी पार्ट 2 : Patriotic anchoring shayari, Patriotic Poetry, 26 January shayari
देशभक्ति शायरी – देशभक्ति मंच संचालन शायरी पार्ट 2 : मंच के सभी महारथियों को अमित जैन ‘मौलिक’ का जय हिंद। दोस्तों मैंने अपने पिछले पोस्ट देशभक्ति मंच संचालन शायरी पार्ट 1 में आपके समक्ष देशभक्ति शायरी का एक ऐसा संग्रह प्रस्तुत किया था जिस की मदद से आप देशभक्ति गीत की मंचीय प्रस्तुति में उसी गीत की प्रासंगिक मंच संचालन शायरी पढ़ सकें। अक्सर ऐसा होता है कि हमें किसी भी सांस्कृतिक प्रस्तुति की भूमिका में पढ़ने के लिये पंक्तियाँ इधर-उधर से संकलित करनी पड़ती हैं। पंक्तियाँ मिल भी जातीं हैं तो उतना प्रभाव नहीं डाल पातीं हैं। आज के इस पोस्ट देशभक्ति शायरी – देशभक्ति मंच संचालन शायरी पार्ट 2 में, मैं पुनः आपके सामने देशभक्ति मंच संचालन शायरी प्रस्तुत कर रहा हूँ। आशा है कि सदा की तरह आपका स्नेह मुझे प्राप्त होगा।
देशभक्ति शायरी
देशभक्ति मंच संचालन शायरी पार्ट 2
गीत- जिंदगीं मौत ना बन जाये संभालो यारो
चलो चुनौतियों को रंग, नया दिखलायें
गुनाहगार हैं जो, उनको सबक सिखलायें
अमन की राह ना देखें, अमन बनायें हम
वतन के नाम पे, कुर्बान जान कर जायें।
गीत- माँ तुझे सलाम, वन्दे मातरम
बसंती धुन ये विश्व गाये, हिन्द साज़ बने
हमारे ध्वज पे ये ज़हान, सारा नाज़ करे
हमारी सरपरस्ती में, अमन की रुत आये
हमारा प्यारा वतन, इस जहाँ का ताज़ बने।
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3- ऐ वतन ऐ वतन हमको तेरी कसम
चमन का फूल बनूँ, खुश्बुओं से भर जाऊँ
वतन की शान बनूँ, काम बड़ा कर जाऊँ
फ़लक के पार, तिरंगे का रंग बिखरा दूँ
वतन के नाम दिलो जान, करूँ मर जाऊँ।
गीत- ऐ मेरे वतन के लोगों, ज़रा आँख में भर लो
पलक में भर के अश्क़, आज चंद रो लें हम
ठहरके रुकके करके, आँख बंद खो-लें हम
भरे दिल से उन्हें, श्रद्धा सुमन चढ़ाते हैं
अमर शहीदों के, अहसान मन्द हो लें हम।
गीत- होंठों पे सच्चाई रहती है जहाँ दिल में सफाई…
जहाँ संस्कार की शुचिता, जहाँ अच्छाई रहती है
जहाँ आशीष की सर पर, सदा परछाई रहती है
हमारा देश हिंदुस्तान ही, दुनिया में ऐसा है
जहाँ हर होंठ की मुस्कान में, सच्चाई रहती है।
गीत- छोड़ो कल की बातें कल की बात पुरानी
नज़र अब चाँद पर रक्खो, सितारे आपके होंगें
नज़रिये में भरो आशा, नज़ारे आप के होंगें
बुलंदी कैद होगी मुट्ठियों में, सोच को बदलो
नया जब दौर आयेगा, ज़माने आप के होंगें।
गीत- मेरे देश की धरती सोना उगले-उगले हीरे मोतीं
कहीं हीरे कहीं मोतीं, कहीं सोना उगलती है
जहाँ खेतोँ में हरियाली, नई दुल्हन सी सजती है
जहाँ पर रुत बसंती, गीत गाती है शहीदों के
वो मेरा देश है जिससे, ये दुनिया रश्क़ करती है।
उम्मीद है कि आपको यह पोस्ट देशभक्ति शायरी – देशभक्ति मंच संचालन शायरी पार्ट 2 पसंद आया होगा। अपनी प्रतिक्रिया से अवगत अवश्य करायें।
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