मंच संचालन स्क्रिप्ट-गणतंत्र दिवस। manch sanchalan script- Republic Day

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एंकर फीमेल-एक बार जोरदार तालियाँ हमारे उन अमर शहीदों के नाम बजा दीजिये। परतंत्र भारत की स्वछंद फ़िज़ा को पाने के लिये किस प्रकार से हमारे अमर शहीदों ने कुर्बानियाँ दीं हैं।

इसी विषय को लेकर हमारी अगली प्रस्तुति जो कि एक नृत्य नाट्य प्रस्तुति है को लेकर आ रहे हैं हमारे प्रतिभागी…………….
और उनके साथी 1….., 2……., 3…….., 4……… तो आइये आज हम बहुत करीब से उस दीवानगी के जज़्बे को जी लेते हैं। 

 

सीने में तड़प, एक हुंकार, एक गुर्राहट पैदा करती बहुत ही शानदार प्रस्तुति । एक बार जोरदार तालियाँ इस प्रस्तुति के कलाकारों के लिये।

अनुरोध है कि आपका साथ और समर्थन हमारे प्रतिभागियों के लिये ऊर्जा स्रोत जैसा है। अच्छी-अच्छी और प्रभावी प्रस्तुतियों के लिये आपका प्रोत्साहन नितांत आवश्यक है।

हमारे प्रतिभागी कोई पेशेवर कलाकार नहीं है। कई दिनों के अथक परिश्रम के बाद ये यहाँ प्रस्तुति दे रहे हैं। यकीन मानिये, आपकी एक ताली की गड़गड़ाहट इनके लिए नोबल पुरस्कार जैसी है। 

 

मर मिटे जो देश पर उन
शहीदों की जवानी लिख दो 
स्वांस स्वांस में सरफ़रोशी की
कहानी लिख दो 
हमारा वादा है आज़ादी के जश्न को
खूबसुरत बनाने का 
बस आप हर प्रस्तुति पर
तालियों की रवानी लिख दो 

 

एक बार जोरदार तालियों की गड़गड़ाहट हो जाये इस आज़ादी के जश्न के नाम पर और हमारे प्रतिभागियों की बेमिसाल प्रस्तुतियों के नाम पर। 

 

एंकर मेल– बहुत खूबसूरत साथियो। देश के लिए धड़कते, हर दिल को नमन करते हुये मैं कार्यक्रम को अगले पड़ाव पर लेकर चलता हूँ । एक ऐसी प्रस्तुति की ओर, जिसके बारे में मेरा दावा है आपने अब तक ऐसी प्रस्तुति सिर्फ फिल्मों या टेलीविजन पर ही देखी होगी।

अब आपके सामने आ रही है देशभक्ति से भरा हुआ एक ऐसा एक्ट जिसके देखकर आपकी भुजाएं फड़क जाएँगी लहू मे उबाल आ जायेगा।

तो मैं आमंत्रित करता हूँ अगले प्रतिभागी……………..को और उनके साथी प्रतिभागियों
1……, 2……., 3…….., 4……….., 5………

को कि वो आयें और अपनी प्रस्तुति पेश करें । 
जोरदार जोरदार तालियाँ इस बेमिसाल गर्जना करती हुई प्रस्तुति के लिए एवम प्रतिभगियों के लिये। सचमुच क्या लोग थे, क्या दीवानगी थी, क्या शौर्य था, क्या ज़ज़्बा था कि.. 

 

हम तो घर से ही थे निकले बाँधकर सर पर कफ़न
जाँ हथेली पर लिए लो बढ चले हैं ये कदम
ज़िंदगी तो अपनी मॆहमाँ मौत की महफ़िल में है
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है  

 

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