November 23, 2016
कविता ‘किसको है ये ख़बर। Poem ‘Kisko hai ye khabar’
![Buy Ebook](https://udtibaat.com/wp-content/uploads/2018/06/banner.jpg)
चलते चलते ये सांसे मचल जायेंगी
जिंदगी हाथ से कब फिसल जायेगी
किसको है ये पता किसको है ये ख़बर
आज आई नहीँ मौत कल आयेगी
देखते देखते जां निकल जायेगी
किसको है ये पता किसको है ये ख़बर
ख्वाहिशों की हवस थोड़ी कम हो सके
दूसरों के लिये आँख नम हो सके
बन मुहाफिज तो हस्ती संवर जायेगी
जिंदगी हाथ से कब फिसल जायेगी
किसको है ये पता किसको है ये ख़बर
ये भी पढ़े: बरसाने के दोहे
ये भी पढें: देशभक्ति कविता
इक निवाला सही तुम खिलाओ कभी
भूखे बच्चों को घर पै बुलाओ कभी
हैं खुदा इनमें रहमत बरस जायेगी
जिंदगी हाथ से कब फिसल जायेगी
किसको है ये पता किसको है ये ख़बर
दूसरों की खुशी को दुआ मान लो
दीन में ही तो रमता खुदा जान लो
फिर अजानें भी तेरी असर लायेंगी
जिंदगी हाथ से कब फिसल जायेगी
किसको है ये पता किसको है ये ख़बर
Share this:
Related Posts
![](https://i0.wp.com/udtibaat.com/wp-content/uploads/2016/11/20161109_113047.jpg?resize=200%2C125&ssl=1)
कालाधन पर मोदी जी का 09/11 कविता । Black money banned in india poem
![](https://i0.wp.com/udtibaat.com/wp-content/uploads/2016/11/20161117_192446-1.jpg?resize=200%2C125&ssl=1)
काले धन पर बैन पर कविता। नोट बंदी पर कविता। मोदी जी का 09/11 पर कविता। poem black money banned in India
![](https://i0.wp.com/udtibaat.com/wp-content/uploads/2018/05/IMG_000000_000000-1.jpg?resize=200%2C125&ssl=1)
रबीन्द्रनाथ टैगोर पर कविता – रविंद्रनाथ टैगोर पर कविता , रबीन्द्रनाथ टैगोर जयंती पर कविता, rabindranath tagor poem in hindi
About Author
Amit Jain 'Maulik'
मैं एक कवि, लेखक एवम एंकर हूँ । 'उड़ती बात' के माध्यम से मैंने स्वरचित रचनायें आपके समक्ष प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। आपसे विनम्र अनुरोध है कि अपनी बहुमूल्य प्रतिक्रिया एवम सुझाव अवश्य दें जिससे हम जैसे नव रचनाकारों का मनोबल बढ़े एवम उड़ती बात के स्तर में गुणात्मक अभिबृद्धि हो..