प्यार में भीगी दो शानदार ग़ज़लें । Love Gazal । ग़ज़ल । प्यार मोहब्बत की ग़ज़लें
ग़ज़ल-नवाज़िश
नींद में चांद चल रहा होगा।।
ख़्वाब कोई मचल रहा होगा।
हूक़ उठती है दिल लरज़ता है
कोई कहके बदल रहा होगा।
वो हवाओं से बैर क्यों लेगा
जो चिरागों सा जल रहा होगा।
आँख नींदों से भर गया कोई
ख़्वाब नैनों में मल रहा होगा।
आप आये बड़ी नवाज़िश है
आपका दिल पिघल रहा होगा।
इन मुंडेरों पे चाँद खिलता था।
ख़ूबसूरत वो पल रहा होगा।
हाँ यहीं पर बना है ताज़महल
हाथ हाथों में कल रहा होगा।
दिन ढला फिर वही कयामत है
दिल मचलकर संभल रहा होगा।
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ग़ज़ल-कमबख़्त
अब कभी तेरी बेबसी का, सबब नहीं पूछेंगे
चलो छोड़ो जाने भी दो, अब हम नही रूठेंगें।
मेरा ईमान महज़ इसी शर्त पर, मुनहसर नही है
कि जब भी लूटेंगे सिर्फ, चाँद सितारे ही लूटेंगें।
चलो न वहीं से शुरू करते हैं, हम हमारे तबसिरे
कि कभी तुम ख़ैरियत लो, कभी हम हाल पूछेंगे।
मैं हसरतों के हाथों मज़बूर हूँ,तो क्या हुआ
यकीन कर टूट जायेंगे, मगर वादों से नहीं टूटेंगे।
वाह बहुत खूब।
बहुत बहुत आभार धन्यबाद सर।
nice sir vahh.. 😘😘 bht khub…
बहुत बहुत धन्यवाद डॉक्टर साहेब। आपका बहुत आभार। आप जैसे सुधि पाठकों की सराहना पुरुस्कार से कम नहीं
Very nice
बहुत बहुत शुक्रिया आभार सर आपका
wah bahut khoob