आभार प्रदर्शन कविता । Aabhar Pradarshan Poem, आभार कविता
आभार प्रदर्शन कविता – मित्रों, हम सभी जानते हैं कि किसी भी संस्था या समूह में होने वाले कार्यक्रम को सफल बनाने में ढेरों कार्यकर्ताओं का सहयोग लगता है। मंच पर मंचीय प्रस्तुतियां देने वाले कलाकारों और प्रतिभागियों के अतिरिक्त्त पर्दे के पीछे से उस कार्यक्रम को सफलता के साधन-संसाधन उपलब्ध कराने वाले व्यक्तियों का भी बहुत योगदान होता है। यह आर्टिकल आभार प्रदर्शन कविता उन सभी कार्यकर्ताओं के लिए है जो किसी भी कार्यक्रम को प्रकाश में आये बिना तन मन धन से सफल बनाते हैं। कार्यक्रम के समापन पश्चात मुख्य व्यक्ति द्वारा व्यवस्थापकों के प्रति आभार प्रदर्शित किया जाता है जिसे मैंने कविता रूप देने का प्रयास किया है। आशा है यह आर्टीकल आभार प्रदर्शन कविता आप सबको पसंद आयेगा।
आभार प्रदर्शन कविता
जितना बड़ा था उत्सव उतनी कुशल संभाल
सारी समितियों ने सचमुच किया कमाल।
मेहमान नवाज़ी का सम्मान ऐसा हो
आतिथ्य के दायित्व का निर्वाह ऐसा हो
अगवानी से विदाई तलक चरण दर चरण
मेहमान समिति ने किया ख़ूब प्रबन्धन
आभार है कि प्रस्तुत की है नयी मिसाल
सारी समितियों ने सचमुच किया कमाल।
रहवासी समिति ने दिन रात लगाया
विश्राम भवन सौंपा तो महल बनाया
सारे मुसाफिरों का हर नाज़ उठाकर
ठहराया निभाया है परिवार बनाकर
इनकी है दूरदृष्टि हैं दायरे विशाल
सारी समितियों ने सचमुच किया कमाल।
◆आभार भाषण । आभार प्रदर्शन भाषण
◆आभार भाषण का नमूना । आभार संदेश ड्राफ्ट
◆आभार शायरी । आभार प्रदर्शन शायरी
व्याकुल था मन हमारा कैसे हो कार्यक्रम
इक मंच चाहिए था परिपूर्ण भव्यतम
विश्वाश भी अटल था की मंच समीती
इतिहास बनायेगी पीछे ना हटेगी
क्या मंच बनाया है रौशन हुआ ज़माल
सारी समितियों ने सचमुच किया कमाल।
कैसे जुटाये होंगे परिवहन के साधन
पल-पल कदम-कदम पर उपलब्ध थे वाहन
आना हो या हो जाना भरपूर व्यवस्था
ऐसी ना पहले देखी है हमने अवस्था
परिवहन समिति ने तो हैरानगी में डाल
सारी समितियों ने सचमुच किया कमाल।
सबसे अहम विषय था भोजन का आयोजन
स्वादिष्ट फेहरिस्त हो शाही हो प्रबंधन
स्थान समय साधन हर एक की रूचि
ऐसी कई थीं बातें चिंता का विषय थीं
भोजन समिति ने दी दावत बड़ी विशाल
सारी समितियों ने सचमुच किया कमाल।
हफ़्तों का परिश्रम था दिन रात एक की
जन्नत के नूर वालीं मौलिक थीं प्रस्तुतीं
हर एक ने दिखाया अपना हुनर यहाँ
प्रतिभागियों ने बाँधा रंगीन इक शमां
आभार है परोसा खुशियों से भरा थाल
प्रतिभागियो दिखाया तुमने बड़ा कमाल।
गणमान्य पधारे जो उन सबको नमन है
मेहमान अतिथियों को आभार नमन है
वह सारे मित्रगण जो नेपथ्य में रहे
चुपचाप समर्पित थे सहयोग में जुटे
सब ने ही तप किया तो उत्सव बना मिसाल
सारी समितियों ने सचमुच किया कमाल।
यह आर्टीकल आभार प्रदर्शन कविता कैसा लगा कमेंट करके अवश्य बतायें। धन्यवाद
Hii.. although i am not a good anchor but a zeal is continue with myself… almost all scripts i read and it’s just fab to fantastic.. Thank you so much for share with us…
Best Regards
Pragati Jain.
R/Pragati ji, Thank you so much for awesome complements. It’s my pleasure to have such a great readers. Definitely you are very wise and aware Anchor. You are requested to suggestions also. Stay with us. Best wishes
Sir Mai Kavita likhana or path karna chahte Hu uske liye kya kre
आपका प्रयास सच में सराहनीय है।