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अम्बेडकर शायरी – दोस्तो, संविधान निर्माता, प्रखर मनीषी महामना डॉ भीमराव अंबेडकर जयंती 14 april को आने वाली है। अम्बेडकर जयंती के अवसर पर इस आर्टिकल अम्बेडकर शायरी और जय भीम शायरी अथवा जय भीम स्टेटस के रूप में उड़ती बात स्पेशल शायरी आपके समक्ष प्रस्तुत है।
इस आर्टिकल के साथ बाबासाहेब डॉ आंबेडकर जयंती स्पेशल एक youtube वीडियो भी दिया गया है जो कि मेरे ही यूट्यूब चैनल मौलिक मंच MaulikManch channel के द्वारा प्रस्तुत किया गया है। आप सब से अनुरोध है कि इस अद्भुत वीडियो को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें एवम लाइक करें..साथ ही इस चैनल को subscribed बटन दबा कर इसे सब्सक्राइब भी कर लें जिससे आपको मेरे इसी प्रकार के शानदार वीडिओज़ की सूचना समय पर मिलती रहे।
अम्बेडकर शायरी
दुनिया में इस तरह कोई, विद्वान ना हुआ
ईमानदार तो हुये, ईमान ना हुआ
वैसे तो मसीहा हुये हैं, हिन्द में बहुत
अंबेडकर सा कोई भी, महान ना हुआ।
लहरें तो उठीं ढेर, समंदर नहीं हुआ
नेता हुये हैं ढेर, कलंदर नहीं हुआ
अंबेडकर के बाद में, इतिहास गवाह है
दुनिया में कोई फिर से ना, अंबेडकर हुआ।
कतरा थे कभी हमको, समंदर बना दिया
अधिकार दिलाया है, मुक़द्दर बना दिया
पैरों की धूल मानती थी, सभ्यता हमें
अंबेडकर ने सबके, बराबर बना दिया।
इस वीडियो को देखें,
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हमारे हौसलों को ताज़गी, थोड़ी हवा देना
जिएं हम सरज़मीं के वास्ते, इतनी वफ़ा देना
ऐ मेरे भीम तुम हम पर, महज़ इतनी कृपा करना
मरें हम देश की ख़ातिर, हमें इतनी दुआ देना।
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युगांधर कोई कहता है, धुरंधर कोई कहता है
ह्रदय में पीर थी उनके, समंदर कोई कहता है
कोई अंबेडकर कहता, हमारे भीम को दिल से
कोई कहता मसीहा हैं, कलंदर कोई कहता है।
नहीं अंबेडकर जैसे, कहीं से और आते हैं
सभी के दिल में होते हैं, कठिन श्रम से बनाते हैं
हमारी काबलीयत ही बने, पहचान प्रण कर लो
जयंती भीम की संकल्प, लेकर के मनाते हैं।
वो समाज भी अपनी है, जो खुले गगन को सहती है
उनमें भी इज़्ज़त होती, उनमें भी गैरत रहती है
एक अकेले भीमराव, दलितों के हक में लड़ते थे
इसीलिये तो उनको दुनिया, साहेब साहेब कहती है।
सबके हक में सब होता पर, अपने हक में क्या होता
सबके हक में रब होता पर, अपने हक में क्या होता
सोच सोच कर दिल घबराये, दशा दिशा कैसी होती
होते ना बाबा साहेब तो, अपने हक में क्या होता।
नज़र उठाओ आँखें खोलो, जाकर के इतिहास पढो
लड़ो नहीं यूँ आरक्षण पर, काबिल बन इतिहास गढ़ो
बाबा साहेब काबिल बनकर, संविधान गढ़ आये थे
बनो बनाओ बाबा साहेब, फिर दुनिया पर राज करो।
आपको यह आर्टीकल अम्बेडकर शायरी कैसा लगा, comment करके अवश्य बतायें।
Sabhi koi ek awaaz uthhao sabhi jaati sabhi dharm ek samaan na koi dalit na koi gen aur na koi minority isse na aarakshan ki maang hogi aur na hi dange fasaad honge himmat hai to badlo sanwidhaan ko aur sabko ek samaan darja do jai hind jai bhaarat
Awaaz do hum ek hain
Thoughts which you write were very nice.Sir , you are really a good author 🤗
आपका ह्र्दयतल से अतीव आभार लक्ष्मी जी। बहुत बहुत शुक्रिया।
Thank sir ji shayari send to me . [email protected] bheem
Vary Nice Shayri about dr.baba saheb ambedkar
बहुत बहुत धन्यवाद आपका
सामाजिक एकता और मनोबल को बाढने लिए आपकी शायरी ने दिल छू लिया है आपसे यही आसा है किअागे भी इसी तरह का प्रयास जारी रहे गा
जय भीम जय संविधान
श्री एल एस जी, आप जैसे सुधिजन उड़ती बात पर आते रहेंगे तो मैं निश्चित रूप से कुछ न कुछ बेहतर प्रस्तुत करता रहूंगा। बहुत धन्यवाद आभार आपका
बाबा साहेब कि शायरी बढीया हे
nice shayari jai bheem
बहुत बहुत धन्यवाद आपका।
Very nice bhut acha
आपका बहुत बहुत धन्यवाद आभार
Very nice poem and sayari thanks brother
बहुत धन्यवाद मित्र। बहुत आभार
जय भीम मेरे प्रिय मित्र और भी आगे भेजते रहिये
सामाजिक
एकता और
मनोबल को
बाढने लिए
आपकी शायरी
ने दिल छू लिया
है आपसे यही
आसा है कि आगे
भी इसी तरह
का प्रयास
जारी रहेगा
जय भारत
बहुत बहुत धन्यवाद पांचाल जी। बहुत आभार
Very very nice sayari
Jai bhim
Very nice sir aapka bahut bahut dhanyawad.
Jay bheem namo buddhay 🙏🙏🙏
बहुत बहुत शुक्रिया संदीप जी। बहुत आभार
jai bhim
बहुत बहुत धन्यवाद।
बहुत बहुत धन्यवाद आपका।
धन्यवाद मित्रवर।
बाबा साहेब की शायरी पढकर अच्छा लगा |आप आगे भी अच्छी – अच्छी शायरी बनाते रहना |
जय भीम,जय बुद्द
आप का गाना बहुत अच्छा लगा
प्रदम कुमार भारती गा ; चौकी देवगाव , ताशील लालगंज , जिला ,आजमगर
जय भीम बहुत बहुत धन्वाद मित्रवर आपको कितना कितना बधाई दू की
गाना ,दुनिया में इस तरह कोई बिदमान ना हुआ ,इमानदार तो हुये ,इमान ना हुआ वैसे तो मशीहा हुये हे हिन्द में बहुत अम्बेडकर सा कोई भी महान ना हुआ जय भारत
sir plz iss baar poem bhi likh dena
jai bheem bhae g
JAY bhim 🙏 namo budhhay