November 15, 2016
बेटी पर कविता । Poem on daughters । बेटियों पर प्यारी हिंदी कविता
सदियां बीत गई युग बदले फिर भी समझ ना पाये बेटीं हैं बेटों से बढ़कर बेटी भाग्य जगाये।। बेटी होती सोन चिरैया जिस घर उड़कर आये वह घर जन्नत बन जाता है उस घर ज़ीनत आये कैसी है ये रीति जगत की किसने सोच बनाई बेटे से ही वंश चलेगा बेटी होती पराई बेटी नवल