September 14, 2016
श्री भक्ताम्बर पाठ की महिमा वर्णन/Shri Bhaktaamar Paath ki mahima barnan
दुर्जन अरिकुल जीतके जय पावे निकलंक तुम पद पंकज मन बसै ते नर सदा निशं तुम पद पंकज धूल को जो लावे निज अंग ते नीरोग शरीर लहि छिन में होय अनंग देवों के भी देव दीनों के नाथ त्रिलोकपति महाप्रभु श्री आदिनाथ भगवान की महिमा अगम्य है।