गीत  तेरी मेहरबानी किसके लिये  तेरी कदरदानी किसके लिये  कोई तो होगा मीत तेरा  शाम सुहानी किसके लिये   बात नहीं कुछ आस नहीं कुछ  खोने को अब पास नहीं कुछ  यूँ ही परेशां रहता हूँ मैं तो  तुझसे मुहब्बत ख़ास नहीं कुछ प्रेम कहानी किसके लिये ये मनमानी किसके लिये  कोई