गीत ‘किसके लिये’/Geet ‘kiske liye’

Buy Ebook
 pexels-photo-227430          

गीत

 तेरी मेहरबानी किसके लिये 
तेरी कदरदानी किसके लिये 
कोई तो होगा मीत तेरा 
शाम सुहानी किसके लिये 

 बात नहीं कुछ आस नहीं कुछ 
खोने को अब पास नहीं कुछ 
यूँ ही परेशां रहता हूँ मैं तो 
तुझसे मुहब्बत ख़ास नहीं कुछ
प्रेम कहानी किसके लिये
ये मनमानी किसके लिये 
कोई तो होगा मीत तेरा 
शाम सुहानी किसके लिये 

 सीने में जैसे कोई चुभन हो 
लगता है जैसे बोझिल मन हो 
किससे कहें हम कौन है मेरा 
जो मेरा हो जो हमदम हो
आँखो का पानी किसके लिये
ये ज़िन्दगानी किसके लिये
कोई तो होगा मीत तेरा
शाम सुहानी किसके लिये 

गीत

सजनी तुम सुरमई सावन हो
मधुरितु मधुवन मनभावन हो

कोंपल कोंपल योवन की लहक
भीनी भीनी चन्दन की महक
इक सौम्य मृदुल अहसास हो तुम
तुम हिमगंगा सी पावन हो

हर काली रात चमक जाये
हर सोया भाग्य दमक जाये
हर पल उसका हो नेह भरा
तुम जिसके घर का आँगन हो

 

 

Leave a Reply