नमस्कार दोस्तों गीतकार अमित जैन मौलिक , आपका मित्र आप सभी का स्नेहिल अभिवादन करता है। मित्रों मुझे खेद है कि अब मैं उड़ती बात को उतना समय नहीं दे पा रहा हूँ जितना कि देना चाहिए। दरअसल कुछ अन्य व्यवसायिक गतिविधियों के साथ साथ मंचीय कार्यक्रम भी करना आरंभ किये हैं। आप सबकी दुआओं