रोमांटिक कविता-दिल की बात : किसी के इश्क़ में जब चैन और सुकून गायब हो जाता है, जब इज़हार करने के लिये दीवाना दिल तड़प जाता है तब, बैचेन दिल से जो सदा आती है, जब आह भी उसे पाने की दुआ हो जाती है, तो वही हर दुआ कविता बन जाती है। आज के
कविता-बदल गये हो डबडबाती कोरों से भी देखा, दिखते तो हो तुम! पर वैसे नही जैसे दिखते थे संभवतः तुम बदल गये हो हाँ!! तुम बदल गये हो। पहले तुम्हें आती थी संकेतों की भाषा झूठ सच क्षोभ विषाद सब पकड़ लेते थे। मैं लिख देती थी उंगली से कुछ शून्य में, और
रोमांटिक कविता-उफ़ान आतुरता का व्याकुलता की ओर यह प्रवाह आह!! गुमान ही ना था कोई अनुमान ही ना था। लज़्ज़त के गगन से टप्प टप्प बूँद गिरती रही हृदय के रजत कटोरे में चुपके से, लबालब चांदनी भरती रही। ये भी पढ़ें- Love Dohe । इश्क़ के दोहे ये भी पढ़ें-प्यार में
-Love Poem- दिल से दिल तक जब नभ की अगुणित सीमायें शीतल शशिमय हो जाती हैं जब धरा हिमालय से उठकर स्वागत में मलय चलाती है तब ऐसा क्या कुछ होता है हर बात सुखद हो जाती है तब ऐसा क्यों कुछ होता है सौगात सहज हो जाती है जब खुशी मौज सी मचल उठे
पहले प्यार पर कविता – कहते हैं कि तमाम दुनिया मे ऐसा कोई भी नहीं होगा जिसे कभी किसी से प्यार न हुआ हो। सच तो यह है कि लड़कपन की उम्र से ही दिल किसी न किसी के लिये धड़कना शुरू कर देता है। कोई यह कहे कि उसे कभी किसी से प्यार नहीं हुआ तो
मोहब्बत का गीत – इश्क़ से तरबतर दिलों के लिये प्रस्तुत है गम और नासाज़ी से भरा आर्टिकल मोहब्बत का गीत । आशा है कि आप सबको पसंद आयेगा। मोहब्बत का गीत फिर वही ख़्वाब सपना कहानी हुई फिर वहीँ से शुरू ज़िन्दगानी हुई फिर वही बेबसी तू वहाँ मैं यहाँ मैं दीवाना हुआ तू दिवानी हुई।
अब फिर से उम्मीदें बढ़ने लगी हैं तितलियां जो कमजोर थीं उड़ने लगी हैं उमंगों में नईं कोंपलें फूटने लगी हैं मायूसी की दीवारें टूटने लगी हैं धड़कनें ग़ज़ल गुनाने लगीं हैं नई कवितायें भी समझ आने लगीं हैं तो क्या फिर से बहार आई है तो क्या फिर से घटा छाई है बात समझ