रोमांटिक कविता इन हिंदी – पढिये मेरी कलम से निकलीं 3 बहुत ही रोमांटिक कवितायें। यह आर्टीकल रोमांटिक कविता इन हिंदी आपके दिल को ज़रा सा भी छू जाये तो प्रयास सार्थक हो जायेगा। रोमांटिक कविता इन हिंदी ये आँसू बेसबब क्यों ! ये आँसु बेसबब क्यों जब कुछ सहा ही नहीँ क्या सुन लिया तुमने
मावठे की ठिठुरन में ताज़ा ताज़ा जवां हुई एक नव यौवना ओस की बूँद उमंग में लहकती बहकती ठिठकती लुढ़कती संभलती अपनी आश्रय दाता जूही की एक पत्ती से लड़याती इठलाती इतराती बतियाती पूछती है- तुम्हें चिड़चिड़ाहट नहीं होती ऐसा स्थिर जीवन बिताने में कोई घबराहट नहीं होती क्या तुम्हें नहीं भाते झरनों
अब फिर से उम्मीदें बढ़ने लगी हैं तितलियां जो कमजोर थीं उड़ने लगी हैं उमंगों में नईं कोंपलें फूटने लगी हैं मायूसी की दीवारें टूटने लगी हैं धड़कनें ग़ज़ल गुनाने लगीं हैं नई कवितायें भी समझ आने लगीं हैं तो क्या फिर से बहार आई है तो क्या फिर से घटा छाई है बात समझ
तुमने कहा बहकना ठीक नहीँ तो फ़िर यूँ चहकना भी ठीक नहीँ, तुम पात्र ही नहीँ रस पीने के कुचल क्यों नहीँ देते अरमान सब सीने के देखो, सतत बनी हुई एकरसता रुग्ण कर देती है बनावटी सात्विकता अवसाद भर देती है गुंजाइश सदा ही होती है नये पंखों की नये अंकुर की लेकिन पहले तय करो कि
कभी कभी चिंतायें कैकटस हो जाती है नुकीली चुभतीं सी कष्टप्रद पीड़ादायक संताप के रंग में रंगी हुईं स्वतः ही पल्लवित होतीं जाती हैं प्रथम दृष्ट्या ऐसा प्रतीत होता है जैसे, इनका जन्म अकारण ही होता है ये बिन बताये ही आती हैं कदाचित, दृष्टि परिपूर्ण नहीँ है किंचित रुप से, परिस्थितियाँ वैयक्तिक हो सकती