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Romantic Love Gazals – Best Romantic gazals in hindi लव ग़ज़ल तकरार ग़ज़ल रोमांस की ग़ज़ल

Love Gazals – पढ़िये मोहब्ब्त के खट्टे मीठे रंगों की दो ग़ज़लें। हमें आपकी प्रतिक्रिया का इंतज़ार रहेगा- रोमांटिक ग़ज़ल-इंतज़ाम वक़्त लगेगा आसमान से जायेगा महज़ धुँवा है ये भी काम से जायेगा। नुस्ख़ा मुस्खा दवा दुआ करते रहना दर्द पुराना है आराम से जायेगा। ज्यादा की उम्मीद पालकर मत चलना वरना ये भी इंतज़ाम

Love Gazals Romantic gazals-शिकवा शिकायत की ग़ज़लें तकरार की ग़ज़लें मोहब्ब्त की ग़ज़लें प्यार की ग़ज़लें

Love Gazals Romantic gazals – आपके सामने प्रस्तुत हैं लव और रोमांस से लबरेज़ दो शानदार ग़ज़लें। पसंद आयें तो प्रतिक्रिया दीजियेगा और शेयर कीजियेगा- रोमांटिक ग़ज़ल -शुरुआत फिर से हो एक शुरुआत कोई बात बने ख़्वाब में रोज़ मुलाकात कोई बात बने। खुले गेसु खुली आँखे खुले इरादे हों मुख़्तसर बहके हों जज़्बात कोई

2 दिल मे उतरने वाली दिलकश ग़ज़लें । 2 दिल मे उतरने वाली प्यारी ग़ज़लें। 2 ever best Gazals in hindi । ग़ज़ल । GAZAL । Love Gazals

ग़ज़ल-प्यादा मेरी उजरत कम, तेरी ज़रूरत ज्यादा है ऐ ज़िंदगी कुछ तो बता, तेरा क्या इरादा है। दांव पर ईमान लगाकर, तरक़्क़ी कर लेना आज के दौर का, फ़लसफ़ा सीधा सादा है। हड़बड़ी में दिख रहा, ख्वाहिशों का समंदर लहरों में उफान है, आसमां पे चाँद आधा है। ऐ जम्हूरियत तू भी, अब पहले जैसी

2 रुमानियत से भरी मदमस्त ग़ज़लें। प्यार पर ग़ज़लें । Love Ghazals । रोमांटिक ग़ज़ल इन हिंदी । पहले प्यार पर ग़ज़लें

ग़ज़ल-किस्से लेकर तारे चाँद सुहाना, तेरे आंगन खिलता है। सारे किस्से हमें पता है, गुलशन में क्या चलता है। धूप धुत्त हो छांव में लेटी, तेरे घने गेसुओं की रोज दुपहरी सूरज कुढ़ता, राहदरी में मिलता है। जुट्ट बना कर क्यारीं आयें, नंदन वन के केशर कीं शोख़ कपोलों को छू छू कर, चंदन रंग

3 ख़ूबसूरत ग़ज़लों की सुंदर प्रस्तुति। 3 शानदार ग़ज़लों की शानदार प्रस्तुति। 3 Very sweet Ghazals

  ग़ज़ल-सियासत पत्थर दिल में इश्क़ की चाहत, धीरे धीरे आती है शाम ढले ख़्वाबों की आहट, धीरे धीरे आती है। नया नवेला इश्क़ किया है, तुम भी नाज़ उठाओगे रंज-तंज़ फ़रियाद शिक़ायत, धीरे धीरे आती है। तुम तो आओ सब आयेंगे, चांद सितारे तितली फूल ज़ीनत मस्ती ज़िया शरारत, धीरे धीरे आती है। ज़हर

3 ख़ूबसूरत ग़ज़लों की शानदार प्रस्तुति। 3 अलग अलग रंगों की ग़ज़लों की मोहक प्रस्तुति । Love Ghazals

  ग़ज़ल-आशना जबसे उनसे हुई मेरी अनबन तबसे सूना है शाख-ए-नशेमन। कैसे कह दूँ के आ मेरे ज़ानिब बेमज़ा हो गया हुँ मैं जानम। जो महक ना बिखेरे फ़िज़ा में क्यों सजाये कोई ऐसा गुलशन। यूँ है आराइश-ए-आशियाना जैसे उलझा हो कांटों से दामन। फ़ासिला कुछ ज़हद ने बढ़ाया बेख़ता था सदा से ये मुल्ज़िम।