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मोहब्बत की 3 सुरीली ग़ज़लें। इश्क़ की 3 ग़ज़लों की श्रृंखला। 3 Love Ghazals। 3 Very sweet Ghazals।

ग़ज़ल -दुआ दर्द बढ़ जाये तो बता देना। इश्क़ हो जाये तो जता देना।। ज़ख्म भरने लगे सभी मेरे आओ आकर कभी हवा देना। कत्ल के बाद भूल मत जाना चार आँसू कभी बहा देना। तुम तो माहिर हो झूठ कहने में फिर बहाना कोई बना देना।। तेरे पहलू में मौत आये मुझे तेरी बाहों

दो प्यार भरीं मोहक ग़ज़लें। मोहब्बत की मीठी ग़ज़लें। लव ग़ज़लस इन हिंदी। गजल इन हिंदी

  ग़ज़ल-सोहबत ये शोर कैसा है धड़कनों में, ऐ दिल बता कि क्या चल रहा है क्यों सारा आलम ये सारा मौसम, ज़हान सारा मचल रहा है। मैं कैसे कह दूँ क्या हो रहा है, कि सीने में इक कसक उठी है घुला हुआ है शहद फ़िज़ा में, कोई गुलाबों पे चल रहा है। हमारा

प्यार में भीगी दो शानदार ग़ज़लें । Love Gazal । ग़ज़ल । प्यार मोहब्बत की ग़ज़लें

ग़ज़ल-नवाज़िश नींद में चांद चल रहा होगा।। ख़्वाब कोई मचल रहा होगा। हूक़ उठती है दिल लरज़ता है कोई कहके बदल रहा होगा। वो हवाओं से बैर क्यों लेगा जो चिरागों सा जल रहा होगा। आँख नींदों से भर गया कोई ख़्वाब नैनों में मल रहा होगा। आप आये बड़ी नवाज़िश है आपका दिल पिघल

तड़पते दिल की दो मोहक ग़ज़लें । रोमांटिक ग़ज़ल । इश्क़ मोहब्बत में तड़प की ग़ज़लें । Love Gazal

ग़ज़ल-बदमाश मेरा हाल क्या है न पूछिये ये न ख़ास था ये न ख़ास है दिल कल भी था यूँ ग़मज़दा और आज भी ये उदास है। यूँ तमाशा होता है रात दिन मेरी हसरतों का न पूछिये गोया रहनुमा हो बहार का जिसे खुश्बुओं की तलाश है। ये नज़ारे चाँद धनुक घटा तेरा नूर

Love Gazals । दो रोमांटिक गज़लों की श्रृंखला । मोहब्बत से भरी दो गज़लें।

            । ग़ज़ल-दर्द । प्यार अगर सच्चा हो जाये, दर्द तो होता है। सब कुछ जब अच्छा हो जाये, दर्द तो होता है। घूंघट अगर उठा लेता मैं, चांद हमारा होता ख़्वाब अगर किस्सा हो जाये, दर्द तो होता है।   ये भी पढें-ग़ज़ल ‘बेशरम’ ये भी पढें-ग़ज़ल ‘कतरनें’   तुझमें

रोमांटिक गीत-ख़ुशामद । Romantic geet-khushamad । प्यार में तकरार की नज़्म । शिकवे शिकायत की नज़्म

ख़्वाहिशें और थीं हाल हैं कुछ ज़ुदा सूरतें किस्मतों की बदलती नहीं थक गये हम दुआ मांगते मांगते हाथ की कुछ लकीरें बदलती नहीं हमने सुन लीं हैं ढेरों नसीहत है गज़ब की तुम्हारी शरीयत गर्क हो जायेंगे हम तुम्हारी कसम बेरहम ये नजीरें बदलती नहीं आपको आपकी साफगोई क्या कहूँ हर दफ़ा आँख रोई

ग़ज़ल-बेशरम। Gazal-Besharam । तक़रार की ग़ज़ल । रुसवाई की ग़ज़ल । अलगाव की ग़ज़ल । एक प्यारी सी ग़ज़ल

ग़ज़ल-बेशरम : मोहब्बत में रुसवाई हो जाती है, लड़ाई हो जाती है, अलहदगी तक भी हो जाती है लेकिन बेशरम दिल का क्या करें, याद उसी बेमुरब्बत को करता है जिसने दिल को दर्द दिया है। इसीलिये शायद कहा जाता है कि दिल है कि मानता नहीँ। इस आर्टिकल में प्रस्तुत ग़ज़ल-बेशरम में ऐसे ही अलहदगी

ग़ज़ल ‘कतरनें । Gazal ‘katrane’

आतिश थी बेपनाह शमां ने फ़ना किया परवाने जल गए हैं इबादत किये वगैर सुलगी थी रूह अब्र में उड़ता रहा धुआँ दीवाने जल गये हैं मुहब्बत किये वगैर बे-होश रहीं आँखें घटा झूम के गिरी आंसू हथेलियों पै गिरे नीर के वगैर बांधे थे साथ हमने जहाँ मन्नतों के तार चुपचाप तोड़ आया शिकायत

दो बेहद शानदार ग़ज़लों की प्रस्तुति। मोहब्बत से भरी दो प्यारी ग़ज़लें। Two very sweet Ghazals

मोहब्बत से भरी दो प्यारी ग़ज़लें – कहते हैं ज़िंदगी का सबसे मुश्किल लम्हा वो होता है जब हमें किसी के सामने अपने इश्क़ का इज़हार करना हो। ज्यादातर प्यार करने वाले यहीं अटक जाते हैं। किसी की मोहब्बत में जीवन भर ठंडी-ठंडी साँसे, दर्द भरीं आहें भरने से अच्छा होता है अपने प्यार का

ग़ज़ल ‘क्या कमी है’। Gazal ‘kya kami hai’

ग़ज़ल आसमां है ना जमीं है पूछते हो क्या कमी है रात भर रोया है कोई धूप कम ज्यादा नमी है फूल तितली खुश्बुयें हैं सब तो है बस तू नहीं है नूर बूँदों में बरसता तू जहाँ ज़न्नत वहीँ है कैसे उसके ऐब देखूं खूबियां ज्यादा कहीं है लौट आ मुझे माफ़ कर दे