एंकर फीमेल- आज की इस मधुर बेला में, मैं आप सबका पंक्तिमय अभिवादन करके आज के कार्यक्रम को आरम्भ करना चाहती हूँ कि- चांदनी चांद से मिलती है, तो रौशन ज़माल करती है खुशी से खुशी मिले, तो ख़्वाहिश कमाल करती है ये विद्वता के नूर की, रौनके महफ़िल है मेरे
सबसे पहले तो मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूँ कि मंच संचालन करना बिल्कुल भी कठिन काम नहीं है। मेरे अनुसार इसमें एक ही सिद्धान्त काम करता है कि ‘अगर आप बातचीत कर सकते हैं तो आप मंच संचालन भी कर सकते हैं।’ जी हाँ, मंच संचालन उतना ही सरल है जितना की बातचीत
-नमस्कार दोस्तो, संस्कारधानी कला परिषद् द्वारा होली मिलन के सुअवसर पर आयोजित इस सुरों से गुनगुनाती हुई शाम में मैं अमित ‘मौलिक’ आज के कार्यक्रम के अतिथि गण, विशिष्ट जन एवम आप सब संगीत प्रेमियों का बहुत बहुत स्वागत करता हूँ-एहतराम करता हूँ । आज की इस सुरीली शाम को सुर बद्ध करने वाली
‘स्थापना दिवस’ दिनांक -09 अगस्त 2016 कार्यक्रम संचालक-अमित ‘मौलिक’ क्र.1 कार्यक्रम आरंभ की घोषणा मौलिक- हमारे दिगम्बर जैन सोशल ग्रुप जबलपुर नगर के सभी मित्रों और हमारे खास मेहमानों को जय जिनेन्द्र, प्रणाम, नमस्कार। मै अमित मौलिक आज के इस स्थापना दिवस के कार्यक्रम में आप सब का बहुत बहुत स्वागत,