-चित्र साभार गूगल से- हाइकु जापानी काव्य विधा का एक छंद है जिसे आजकल बहुतायत में लिखा जा रहा है। हिंदी काव्य में हाइकु का प्रयोग एक अभिनव प्रयोग है और बहुचर्चित कवियों ने अपने काव्य लेखन में इस छंद को स्थान दिया है। केवल तीन पंक्तियों के छंद हाइकु में प्रथम पंक्ति में
जो पूरे होते हैं, वही अधूरे होते हैं। सुनो, तुम सुरमें का टीका भी लगाया करो। हुस्न वालों को ख़ुद की नज़र भी लग जाया करती है।। ये जो तुम जरा-जरा सी बात पर सोचने लग जाते हो हैरत है कि तुमने मोहब्बत करने की हिम्मत कैसे कर ली। तुम अपने काम से काम क्यों
ये आँखें ख्वाबगाह बन गईं तुम्हारे तसब्बुर में सोते सोते सारा असबाब तरबतर हो गया है तेरे ख्याल में रोते रोते हम पर तुम्हारी मुहब्बत का नशा इस तरहा तारी है कि हम कमजोर दिल के होते तो दुनिया से चल दिए होते फर्क है बात मे सच भी है झूठ है सुर्ख सूरज हुआ