February 10, 2017
            अतिथि स्वागत शायरी/आभार शायरी-पार्ट 2 । Guest Shayari/Gratitude’s Shayari -part 2
 
                                                    
                    मजलूमों के मसीहा हो, बेसहारों का सहारा हो बेरहम तपती धूप में, शज़र की शीतल छाया हो आपकी तारीफ़ में कहने को, शब्द कहाँ से लायें हम  आप तूफानों में कश्ती हो, डूबतों का किनारा हो आपका इकबाल और बुलंद हो, दुनिया पर छाते रहें सितारे चाँद सूरज सब, आपके ज़माल से घबराते रहें हम                
                        
                            
 
                                                    