Indira Gandhi : इंदिरा गांधी जयंती पर विशेष लेख, इंदिरा गांधी का जीवन परिचय, इंदिरा गाँधी की बॉयोग्राफी, Indira Gandhi biography
Indira Gandhi biography – भारत की आन बान और शान को बढ़ाने में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गाँधी जी के योगदान को पूरा भारत देश गर्व के साथ याद करता है। इस आर्टिकल Indira Gandhi biography में हम आज उन्हीं लौह महिला इंदिरा गांधी जी को याद करेंगें जो अपने दृढ़ इरादों के कारण हम सब देशवासियों के दिलों में अमर हैं।
Indira Gandhi biography
इंदिरा गांधी का जीवन परिचय
सन 1974 में पोखरण में परमाणु बम का परीक्षण, पाकिस्तान से युद्ध मे शानदार जीत, हमारे दुश्मन पाकिस्तान को दो टुकड़े में तोड़कर बांग्लादेश का निर्माण, बैंकों का राष्ट्रीयकरण, राजवंशों के राज भत्ता (privy purse) पर रोक, वैश्विक राजनीति में सटीक और संतुलित भूमिका आदि उनकी ऐसी विराट उपलब्धियाँ थीं जिनका ज़िक्र इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित है।
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19 नवंबर 1917 को इलाहाबाद में जन्मीं इंदिरा गांधी के पिता भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवम पूर्व प्रधानमंत्री पंडित श्री जवाहरलाल नेहरू जी थे। उनके दादाजी जाने-माने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवम प्रसिद्ध बैरिस्टर पंडित मोतीलाल नेहरू थे। विवाह के पूर्व तक उनका नाम इंदिरा नेहरू ही था। लेकिन उच्च शिक्षा के लिये लंदन के ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय गईं इंदिरा जी का जुड़ाव वहाँ पढ़ रहे पारसी युवक फिरोज़ गांधी से हुआ और इस तरह फ़िरोज गांधी से विवाह उपरांत उनका नाम इंदिरा गांधी लिखा जाने लगा।
भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री लालबहादुर शास्त्री जी के शासन काल में इंदिरा जी अपना प्रथम चुनाव लड़कर जीतीं और सूचना प्रसारण मंत्री बनीं। लालबहादुर शास्त्री जी के आकस्मिक निधन पश्चात कांग्रेस ने उन्हें प्रधानमंत्री का उम्मीदवार घोषित किया। इस तरह वो सन 1966 से 1977 और 1980 से 1984 तक भारत देश की प्रधानमंत्री रहीं।
हालांकि उनके कई फ़ैसले मसलन अमृतसर के स्वर्णमंदिर में छिपे आंतकवादियों से निपटने के लिये किये गये ऑपरेशन ब्लूस्टार, लोक नायक जय प्रकाश नारायण को जेल में डालना, आपातकाल लगाना आदि उनके ऐसे कदम थे जिनके कारण उनको बहुत अपयश झेलना पड़ा। लेकिन अपने त्वरित, सटीक एवं साहसिक निर्णयों के लिये इंदिरा गांधी भारत ही नहीं वल्कि पूरी दुनिया मे जानी जातीं थीं। एकमात्र इंदिरा गांधी ही थीं जो कि भारत की पहली और आखिरी प्रधानमंत्री रहीं और जिन्हें अपने दृढ़ इरादों के कारण लौह महिला कहा जाता था।